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पुस्तक पर निबंध | Essay on Book in Hindi

हेलो दोस्तों, आज हमलोग इस लेख में पुस्तक पर निबंध हिंदी में ( Book essay in Hindi) पड़ेंगे जो कि आपको Class 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 व अन्य competitive examination जैसे कि SSC, UPSC, BPSC जैसे एग्जाम में अत्यंत लाभकारी साबित होंगे। पुस्तक पर निबंध (Essay writing on Book ) के अंतर्गत हम पुस्तक से संबंधित पूरी जानकारी को विस्तार से जानेंगे इसलिए इसे अंत तक अवश्य पढ़ें।

Essay on Books in Hindi 500 Words

जीवन में पुस्तकों का होना बहुत ही जरूरी है।। अगर आपके पास एक अच्छी पुस्तक होगी तो आप उसके ज्ञान से दुनियाभर के ज्ञान को अपने अंदर समेट सकते हैं। पुस्तक मनुष्य के जीवन का आधार मानी जाती है। 

पुस्तके कई विषयों में उपलब्ध होती है जैसे कि अंग्रेजी, विज्ञान, गणित, भूगोल, इतिहास, सामाजिक शास्त्र ,राजनीतिक शास्त्र, इत्यादि। दुनिया में भाषाओं में पुस्तकें उपलब्ध जैसे कि धार्मिक, ऐतिहासिक और आध्यात्मिक इत्यादि ऐसे किताबें बाजार में मौजूद है जो जिंदगी के कई समस्याओं को हम किताब से पढ़कर आसानी से उसे सुलझा सकते हैं।

पुस्तक का इतिहास (History of Books in Hindi)

अगर हम लोग पुस्तकों के इतिहास की बात करें तो पुस्तकों का इतिहास काफी प्राचीन है। पुस्तकों की कहानी पन्नों की छपाई के साथ शुरू की गई थी और यह आज वर्तमान में पुस्तकों के भंडार के साथ दुनिया के किसी भी पुस्तक को पढ़ने और उसे समझने से पहले उसकी इतिहास को जाना हमारे लिए बहुत ही जरूरी है। पुस्तकों की पहली छपाई 1440 में फ्रांस के प्रिंटिंग प्रेस में शुरू की गई थी। उसके बाद पुस्तकों के प्रचार प्रसार में विश्व धर्म मैं इसे फैलाया गया। पुस्तकों का इतिहास मध्यकालीन से जुड़ा हुआ है। पुस्तकों को पहली बार फ्रांस में पड़ा और लिखा गया था और उसके बाद यह धरती के हर कोने कोने में इसे पहुंचाया गया। इसके 15 साल बाद पहली बार 1455 में सबसे पहली छपाई बाइबल की गई थी।

एन्हेदुअन्ना
दूसरी और पांचवीं शताब्दी ई. के बीच।
The Diamond Sutra
ऋग्वेद संहिता
द फर्स्ट मुस्लिम: द स्टोरी ऑफ मुहम्मद

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पुस्तक का महत्व

यदि मनुष्य और पशु में भेद किया जाए तो केवल बुद्धि द्वारा ही किया जा सकता है। बुद्धि तथा ज्ञान के बिना मनुष्य निश्चय ही संसार का एक दयनीय प्राणी होता। अनादिकाल से मनुष्य अपने ज्ञान का ही परिष्कार करता आ रहा है।

ज्ञान उसे या तो गुरु से मिलता है या पुस्तकों से। गुरु तो सीमित समय तक ही ज्ञान दे सकता है, या यों कहना चाहिए कि गुरु तो केवल ज्ञान-प्राप्ति का पथ-प्रदर्शन ही करता है। वास्तव में पुस्तके गुरुओं की भी गुरु होती हैं। अच्छी पुस्तकों को हम अपनी हितैषी* मान सकते हैं। ज्ञान-प्राप्ति और बुद्धि के विकास के लिए विभिन्न प्रकार की पुस्तकों का अध्ययन आवश्यक है। कार्लाइल का कथन है कि ‘मानव-जाति ने जो कुछ किया, सोचा और पाया है, वह पुस्तकों के जादू भरे पृष्ठों में सुरक्षित है।’

बालक में जीवन-शक्ति और इच्छा शक्ति दोनों होती हैं। जीवन में कुछ बनने की और कुछ प्राप्त करने की हर बच्चे के मन में अभिलाषा होती है। अच्छी पुस्तकों के अध्ययन से बालक का सही मार्गदर्शन होता है। जीवन में सफलता के उच्चतम सोपान पर पहुँचने के लिए महापुरुषों, वैज्ञानिकों, साहित्यकारों एवं अन्य उच्च पद पर आसीन होने वाले व्यक्तियों की जीवनियों और आत्मकथाओं का अध्ययन करना श्रेयस्कर होता है। इनके अध्ययन से हमारे व्यक्तित्व का विकास होता है।

पुस्तकें पढ़ने से हमें पता चलता है कि हमें प्रकृति से भी प्रेम करना चाहिए और अपने आसपास के पेड़-पौधों और पशु-पक्षियों के जीवन की गतिविधियों पर ध्यान रखना चाहिए। बचपन से ही प्रकृति-प्रेमी जगदीशचन्द्र बसु लहराते पौधों को, मुस्कराती पत्तियों को मुग्धभाव से टकटकी लगाकर देखते और सोचते तथा प्रश्न करते कि आख़िर इन निर्जीव पदार्थों में गति कैसे आ गई? निरन्तर अध्ययन से एक दिन उनकी जिज्ञासा शांत हो ही गई और कल्पना साकार हो गई। उन्होंने प्रमाणित कर दिया कि पेड़-पौधे निर्जीव नहीं हैं बल्कि उनमें भी जीवन है, स्पन्दन है, गति है और संवेदना है।

अत: उन्नति के लिए आवश्यक है स्वयं को पहचानना और स्वयं को पहचानने के लिए पुस्तकों जैसा अच्छा मित्र और मार्गदर्शक कोई दूसरा हो ही नहीं सकता। एक अंग्रेज़ विद्वान की उक्ति है-‘सच्चे मित्रों के चुनाव के पश्चात् सर्वप्रथम एवं प्रधान आवश्यकता है, उत्कृष्ट पुस्तकों का चुनाव। जो पुस्तकें हमें अधिक विचारने को बाध्य करती हैं, वे ही हमारी सबसे बड़ी सहायक हैं।’

पुस्तकें जहाँ एक ओर मनुष्य के व्यक्तित्व में एक नवीन निखार उत्पन्न करती हैं, वहीं दूसरी ओर बुढ़ापे की लाठी भी हैं। ये मनुष्य को सच्चा सुख और शान्ति प्रदान करती हैं। थामस ए. कम्पिस ने एक बार कहा था, “मैंने प्रत्येक स्थान पर विश्राम खोजा, किन्तु वह एकान्त कोने में बैठकर पुस्तकें पढ़ने के अतिरिक्त कहीं प्राप्त न हो सका।” पुस्तकें किसी देश की अमर निधि होती हैं। किसी जाति के उत्कर्ष (उत्थान) तथा अपकर्ष (पतन) का पता उसके साहित्य से चलता है।

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विचारों के युग में पुस्तकें ही अस्त्र हैं। पुस्तकों में निहित विचार सम्पूर्ण समाज की काया पलट देते हैं। आज का संसार विचारों का संसार है। समाज में जब भी कोई परिवर्तन आता है अथवा क्रान्ति उपस्थित होती है उसके मूल में कोई विचारधारा ही होती है। श्रेष्ठ पुस्तकें समाज में नवचेतना का संचार करती हैं तथा समाज में जागृति लाने में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करती हैं। हिन्दी साहित्य के अमर कथाकार मुंशी प्रेमचन्द जी ने अपनी कहानियों तथा उपन्यासों के माध्यम से भारतीय किसान की दीन-हीन स्थिति का चित्रण कर भारतीयों के हृदय में उनके प्रति सहानुभूति की भावना जागृत करने में बड़ा योगदान दिया।

पुस्तकें पढ़ना समय का श्रेष्ठ उपयोग तथा उत्तम कोटि का मनोरंजन है। विद्यार्थियों के लिए परीक्षा देने के बाद आगामी पढ़ाई तक समय बिताने का सर्वश्रेष्ठ साधन है-पुस्तकें।

अन्त में, निराशा के क्षणों को दूर करने के लिए हम पुस्तकों के घने काले अक्षरों में अपने मार्ग को तलाशते हैं। पुस्तकें हमारी डगमगाती नौका की सशक्त पतवार हैं क्योंकि ये ज्ञान की वृद्धि और मनोरंजन का साधन ही नहीं बल्कि मनुष्य की सच्ची मित्र हैं, सद्गुरु और जीवन-पथ की संरक्षिका हैं।

Frequently Asked Questions

उत्तर: जोहान्स गुटेनबर्ग

उत्तर: कैक्सटन हिमसेल्फ

दोस्तों मुझे आशा है कि आपको हमारा लेख पुस्तक पर निबंध (Essay writing on Book) पढ़ कर अच्छा लगा होगा और आपके सभी प्रश्नों के उत्तर मिल गए होगें। यदि आपको यह लेख अच्छा लगा हो इससे आपको कुछ सीखने को मिला हो तो आप अपनी प्रसन्नता और उत्सुकता को दर्शाने के लिए कृपया इस पोस्ट को Social Networks जैसे कि Facebook , Google+, Twitter इत्यादि पर Share कीजिए।

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जीवन में किताबें महत्वपूर्ण क्यों हैं पर निबंध (Why Are Books so Important in Our Life Essay in Hindi)

मनुष्य के जीवन की यात्रा उसके जन्म के साथ ही शुरू हो जाती है। हर मनुष्य को जीवन जीने के लिए जन्म से ही सभी चीजों के बारे में सिखाना पड़ता है। जन्म से ही माता-पिता अपने बच्चों को सही-गलत, अच्छे-बुरे, इत्यादि के बारे में बताते और सिखाते हैं। इसी कड़ी में किताबें हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित होती है। हमें किताबों से हर प्रकार की जानकारी मिलती है जो हमारें जीवन को रोचक और रोमांचित बनाती है। किताबों के माध्यम से हम जीवन में अनेकों अलग तरह की जानकारी प्राप्त करते हैं। किताबें ही हमारें जीवन का आधार हैं।

हमारे जीवन में किताबें क्यों महत्वपूर्ण हैं पर दीर्घ निबंध (Long Essay on Why Are Books so Important in Our Life in Hindi, Hamare Jivan mein Kitab kyon Mahatvapurna hai par Nibandh Hindi mein)

Long essay – 1200 words.

जन्म से ही हर व्यक्ति अपने जीवन में कुछ नया जानने और नया करने के लिए उत्सुक होता है, इसके लिए वह अपने माता-पिता, गुरुओं और आसपास की चीजों से सीखता हैं। चीजों को सीखने और जीवन को नया अर्थ देने के लिए हमें किताबों से जानकारी मिलती है। कौन, क्या, क्यों, किसलिए, इत्यादि ऐसे अनेकों सवाल हैं जिनकी जानकारी हमें केवल किताबों से ही मिलती हैं। यह हमारे जीवन को रोमांचित करती हैं, हंसाती है, रुलाती है और यही हमारी सारी दुविधाओं का हल करती है।

हर किसी को अपने जीवन में पुस्तकों को पढ़ने की अच्छी आदत को अपनानी होगी। इससे आपको लगभग हर प्रकार की जानकारी मिलती है। जीवन का उद्देश और जीवन की प्रेरणा भी हमें इन्ही किताबों से ही मिलती हैं।

किताबें – एक अच्छा मित्र

हर कोई जीवन में एक लक्ष्य प्राप्ति का उद्देश्य लेकर जीवन में आगे बढ़ता है, और उस उद्देश्य को पूरा करने में ये पुस्तकें बहुत सहायक होते हैं। ये पुस्तकें हमारे सबसे अच्छे मित्र होते है। हर वक्त ये हमारे साथ होते है और कभी भी हमसे नाराज नहीं होते। जब भी हमें इनकी आवश्यकता होती है ये हमारे मदद करते हैं। पुस्तकों के माध्यम से हमें न केवल आसपास की दुनिया के बारें में जानकारी मिलती है, बल्कि ये हमें एक नयी और अद्भुत दुनियां की सैर कराते है। किताबों से हमें विभिन्न तरह की जानकारियां प्राप्त होती हैं, जो हमारे जीवन को नये आयामों से प्रकाशित करती हैं। किताबें हमारे चरित्र निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। प्रेरणादायी कहानियों के माध्यम से हमारे और हमारे युवा पीढ़ियों में अच्छे विचार और नई सोच पैदा होती हैं।

जीवन में एक अच्छे मित्र की तरह यह हमेशा हमें प्रेरणा और हिम्मत देती हैं। यह हमारे अन्दर की बुराइयों का नाश कर जीवन में अच्छे गुणों का निर्माण करते है। एक जीवंत मित्र की तरह यह हमारे साथ रहकर हमें आनंदित करती है, तनाव से मुक्ति, बाधाओं को हल, इत्यादि अनेकों कार्य एक साथ करती है। सही मायनों में ये पुस्तकें ही हमारे सबसे अच्छे मित्र होते है, जो दुनिया की हर मुसीबतों, परेशानियों, जीवन के हर कठिन और अच्छे-बुरे समयों पर सदैव हमारे साथ होते हैं।

छात्रों के जीवन में पुस्तकों का महत्व

हर व्यक्ति का जीवन छात्र जीवन से होकर गुजरता है। हर छात्र के जीवन में अपना एक लक्ष्य और उद्देश्य होता हैं। अपने लक्ष्यों और जीवन के उद्देश्य प्राप्ति के लिए ये पुस्तके हमेशा ही सहायक सिद्ध होते है। छात्रों का जीवन संघर्षों और परेशानियों से भरा होता है। इन संघर्षों, परेशानियों और गलतियों से छुटकारा केवल यही किताबें ही दिला सकती है। हर छात्र को किताबों से मित्रता करने की आवश्यकता है।

पुस्तकों से मित्रता करने का सबसे आसान तरीका है, उद्देश्य प्राप्ति के लिए उसका अनुसरण करना और उनका मार्गदर्शन करना है। कुछ महान हस्तियों की ऐसी आत्मकथाएं है जिनसे छात्रों को प्रेरणा लेनी चाहिए। उनके आत्मकथाओं से प्रेरणा लेकर अपने उद्देश्य की प्राप्ति के लिए उनके बताये मार्गों पर चलना चाहिए। किताबों के माध्यम से छात्र को ध्यान और एकाग्रता का निर्माण होता है, जो उनके उद्देश्य प्राप्ति में सहायक होते है।

छात्रों को अपने स्कूली शिक्षा के साथ-साथ उन्हें अपने दैनिक जीवन में अच्छी पुस्तकों का भी अनुसरण करने की आवश्यकता है। इससे उनके शब्दावली, आचरण, व्यवहार, और अच्छे गुणों की प्राप्ति में मदद मिलेगी। इन सभी गुणों के कारण वो अपने जीवन में हर लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर सकते है। छात्र पुस्तकों से अनेकों नई जानकारी, नए विचार, नए तथ्य और नए शब्दावली प्राप्त कर सकते है। किताबों के माध्यम से छात्र अधिक तार्किक और बुद्धिमान बनते है, जिससे की वो अपने परीक्षा में भी सफल होते है। किताबें छात्रों को उनके नैतिक मूल्यों के बारे में भी बताती है और एक सज्जन व्यक्ति और नेक विचार पैदा करती है, और बड़े होकर वो नेक, ईमानदार और जिम्मेदार नागरिक साबित होते है।

क्या किताब पढ़ना फिल्म देखने से बेहतर है ?

फिल्में हमारे मनोरंजन का एक बेहतर तरीका है, यह हमें अपनी ओर आकर्षित करती है। आमतौर पर एक फिल्म 2-3 घंटो का होता है। इनमें से कुछ हमारा मनोरंजन करती है तो कुछ हमें ज्ञान भी देती है। पर जहां तक मेरा विचार है, किताबें पढ़ना फिल्म देखने से कही बेहतर है। जब हम कोई उपन्यास, कहानी या किसी के जीवन परिचय के बारे में पढ़ते है तो हमारे विचारों और हमें कुछ नए ज्ञान की प्राप्ति होती है, परन्तु कुछ कहानियों के जरिये हमारा मनोरंजन भी होता है। किताबें फिल्मों से ज्यादा दिलचस्प होती है।

जब हम कोई फिल्म देखते है तो हमारे दिमाग में वैसा ही एक ख्याल जन्म लेता है, जो फिल्म के खत्म होने के साथ ही वो विचार धूमिल हो जाता है। परन्तु जब हम किताब पढ़ते है तो वो किताब घंटों के बजाये कई दिनों तक हम पढ़ते है। और हमारे अंदर कल्पना, उत्साह और नए विचारों का जन्म होता है। जैसे-जैसे हम उस कहानी को हमारी उत्सुकता और अधिक होती जाती है। उस कहानी के जरिये हम एक नए ख्यालों की दुनियां में होते है और यह दुनियां हमारी असल दुनिया से कही खूबसूरत और अद्भुत होती है। किताबों के जरिये हमें किसी भी विषय के बारे में सही और सटीक जानकारी प्राप्त होती है। किताबें हमारे नए विचार, कल्पना, रचनात्मकता और नए तर्क की शक्ति को भी बढाती है।

तकनीकी वातावरण में पुस्तकों का महत्व

आज के दिनों में हर कोई मोबाईल, कंप्यूटर, इंटरनेट इत्यादि नई-नई तकनीकी का इस्तेमाल करते है। किसी भी जानकारी के लिए छात्र या अन्य कोई तकनीकी के माध्यम से जानकारी प्राप्त करता है। पर कभी-कभी इसमें मिली जानकारी अधूरी होती है। तकनीकी और प्रौद्योगिकी के इस युग में भी किताबों का अपना ही एक महत्व है। किताबों के माध्यम से हमें जो जानकारी मिलती है वो पूर्णतया साफ होती है। पर कभी-कभी कुछ अनसुलझे से पहलू भी हमें मिलते है। जिससे हमारे मन की उत्सुकता उसके बारे में जानने की होती है, इसलिए उस बारे में जानने की कोशिश में लग जाते है। इससे हमारे उत्सुकता, खोजने, बुद्धि और नए विचारों का जन्म होता है।

जब हम नयी तकनीकी की बात करते है तो इंटरनेट सीखने का एक अच्छा माध्यम होता है। यहां पर हमें सारी जानकारियां आसानी से मिल जाती है, जिससे हमारी जिज्ञासा, नए विचार और सोचने की क्षमता प्रभावित होती है। इंटरनेट तकनीकी को चलने के लिए बिजली और इंटरनेट की आवश्यकता होती है, जिनके न होने से हमारी जानकारी में बांधा आती है। पर पुस्तकों को लेकर हमें बस उसे पढ़ना है। इंटरनेट से सीखना एक नया तरीका है पर किताबों से मिली जानकारी को हमें कमतर नहीं आंकना चाहिए।

इंटरनेट की तकनिकी का उपयोग कर हम सभी इ-बुक्स फ़ाइलों का उपयोग उससे जानकारी इकठ्ठा करने के लिए करते है। पर वही दूसरी ओर किताबों में सारी जानकारी ऑफलाइन ही उपलब्ध होते है। किताबों के माधयम से मिली जानकारी पूर्णतया सही और सत्य होती है। पुस्तकों के माध्यम से पढ़ना हमारे विचारों, सोच, और नई कल्पनाओं का विकास होता है। अतः हम सभी को पुस्तके पढ़ने की आदत को अपनाने की आवश्यकता है।

किसी भी चीज के बारे में पढ़ना एक खूबसूरत एहसास की तरह होता है, और वो एहसास किताबों के माध्यम से हो तो बात ही कुछ और है। किताब पढ़ने की आदत हमें लफ्ज़ो से खेलने की कला भी सिखा देती है। पुस्तकों के माध्यम से हमें न केवल उस विषय के बारे में जानकारी प्राप्त होती है बल्कि इससे हमारी समझ-बूझ और बुध्दि का भी विकास होता है।

Essay on Why are Books so important in our Life

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मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध- Meri Priya Pustak Par Nibandh | Essay in Hindi

In this article, we are providing Meri Priya Pustak Par Nibandh | Essay on My Favourite Book in Hindi मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध हिंदी | Nibandh in 100, 200, 250, 300, 500 words For Students & Children.

दोस्तों आज हमने Meri Priya Pustak Essay in Hindi लिखा है मेरी प्रिय पुस्तक निबंध हिंदी में कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, और 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए है।

मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध- Meri Priya Pustak Par Nibandh

मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध- Essay on My Favourite Book in Hindi ( 150 words )

Meri Priya Pustak Panchtantra | Meri Priya Pustak par Anuched

मैंने कई अच्छी-अच्छी पुस्तकें पढ़ी हैं। वे मुझे पसंद भी आई हैं। परंतु मेरी सबसे प्रिय पुस्तक है “ पंचतंत्र की कहानियाँ’ । इस संग्रह में कई रोचक व शिक्षाप्रद कहानियाँ हैं। बहुत समय पहले इन कहानियों को लिखा गया था, परन्तु आज भी इनकी ताजगी पहले जैसी ही है। इनको लिखने वाले एक अत्यन्त विद्वान व्यक्ति थे जिनका नाम था विष्णु शर्मा। यह कहानी संग्रह मैंने एक पुस्तक मेले में खरीदा था।

पंचतंत्र की कई कहानियाँ मुझे जबानी याद हैं। इन कहानियों में पशु-पक्षियों के माध्यम से बहुत-सी नैतिक और व्यावहारिक बातें समझाई गईं हैं। मानव-स्वभाव और प्रकृति का इनमें अच्छा प्रदर्शन देखा जा सकता है। ये कहानियाँ सचमुच अद्भुत हैं।

मनोरंजक होने के साथ-साथ शिक्षा की दृष्टि से भी इन कहानियों का बड़ा महत्व है। इन कथा-कहानियों को कहने-सुनने में मुझे बड़ा आनन्द आता है। ये कहानियाँ एक पाठक या श्रोता को सहज ही पशु-पक्षियों के ऐसे संसार में ले जाती हैं जहां मानव चरित्र और स्वभाव का बहुत सुंदर व मनोवैज्ञानिक चित्रण हुआ है।

जरूर पढ़े- Short Essay on My Favourite Book in Hindi

मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध- Meri Priya Pustak Essay in Hindi ( 250 words )

पुस्तकें मनुष्य की सच्ची मित्र हैं। वे बच्चों तथा बड़ों को विद्वान और महान् बनाती हैं। वे उन्हें ऊँची शिक्षा देती हैं। बच्चे, जवान तथा बूढ़े सब पुस्तकों से ज्ञान और मनोरंजन प्राप्त करते हैं।

मैं पाँचवीं कक्षा का विद्यार्थी हूँ। मुझे स्कूल में गणित, भूगोल, विज्ञान, इतिहास, हिन्दी तथा अंग्रेजी की पुस्तकें पढ़ाई जाती हैं। मैं उन पुस्तकों को घर पर तथा स्कूल में पढ़ता हूँ। इन सब पुस्तकों में मेरी प्रिय पुस्तक ‘ज्ञान सागर’ है। इसका पाँचवाँ भाग मुझे विद्यालय में पढ़ाया जाता है। इसके चार भाग मैं. पहले पढ़ चुका हूँ।

‘ज्ञान सागर’ वास्तव में बच्चों के लिए ज्ञान का भंडार है। इसमें सुन्दर उपदेश रोचक ढंग से दिए गए हैं। इसमें कहानियाँ, लेख, पत्र, जीवनियाँ तथा कविताएँ हैं। इसके सम्पादक श्री आनन्द हैं। इसमें 104 पृष्ठ हैं। इसका मूल्य केवल 50 रुपए है। पुस्तक में सुन्दर चित्र हैं जो पाठों को सरल और सरस बनाते हैं।

भिन्न-भिन्न विषयों की पुस्तकें पढ़ते-पढ़ते मन ऊब जाता है। ‘ज्ञान सागर’ में विविधता होने के कारण इसे पढ़ने से मन नहीं ऊबता। इसमें इतिहास, विज्ञान, राजनीति और दूसरे विषयों की बातें दी गई हैं। इन्हें पढ़कर न केवल हमारा ज्ञान बढ़ता है अपितु मनोरंजन भी होता है। महापुरुषों की जीवनियों को पढ़कर हम अपने जीवन को महान बना सकते हैं। कविताओं को पढ़ने से एक विशेष प्रकार के आनन्द की अनुभूति होती है। कहानियाँ और एकांकी मनोरंजन के साथ-साथ हमारा ज्ञान भी बढ़ाते हैं।

मैं अपनी प्रिय पुस्तक ज्ञान सागर को सँभाल कर रखता हूँ।

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मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध- Meri Priya Pustak Par Nibandh ( 300 words )

Meri Priya Pustak Ramcharitmanas

जीवन में पुस्तकें पढ़ने का अपना ही आनन्द है। पुस्तकें हमारा ज्ञान बढ़ाने के साथसाथ स्वस्थ मनोरंजन भी करती हैं। यही कारण है कि विद्यार्थी अपनी पाठ्य-पुस्तकों के अतिरिक्त अन्य पुस्तकें भी पढ़ते हैं। मुझे भी पढ़ने का शौक है। मैंने अनेक कहानी, उपन्यास तथा काव्य पुस्तकें पढ़ी हैं। इनमें मुझे कई काफी अच्छी लगी, पसन्द आईं परन्तु मुझे सबसे अच्छी लगी ‘राम चरित-मानस’। यही मेरी प्रिय पुस्तक है।

‘राम चरित मानस’ तुलसीदास की अमर रचना है। यह हिन्दुओं का परम पवित्र धार्मिक ग्रन्थ है। आप कहेंगे कि धार्मिक ग्रन्थ होने के कारण ही मुझे रामचरित मानस सबसे अच्छा लगा तो बात ऐसी, नहीं है। रामचरित मानस में वे सभी गुण हैं जो एक आदर्श रचना में होने चाहिए। यही कारण है कि धनी-निर्धन सभी इस ग्रन्थ का आदर करते हैं। यह रचना सबको प्रिय है।

रामचरित मानस की भाषा अवधी है। इसमें श्रीराम के जीवन चरित्र का वर्णन बालकाण्ड, अयोध्याकाण्ड, अरण्यकाण्ड, किष्किन्धा काण्ड, सुन्दरकाण्ड तथा लंकाकाण्ड, उत्तरकाण्ड इन सात काण्डों – किया गया है। सारा काव्य दोहा-चौपाई छन्द में लिखा गया है।

राम चरित मानस एक समन्वय ग्रन्थ है। इसमें वैष्णव तथा शव मत का तथा आर्य एवं द्रविड़ सभ्यता का समन्वय किया गया है। एक आदर्श रचना है। इसमें बताया गया है कि पिता कैसा होना चाहिए-दशरथ जैसा, पुत्र कैसा होना चाहिए-राम जैसा, माता कैसी ” होनी चाहिए-कौशल्या जैसी, पत्नी कैसी हो-सीता जैसी, भाई कैसा हो-भरत जैसा, सेवक कैसा हो-हनुमान जैसा, मित्र कैसा हो-सुग्रीव तथा विभिषण जैसा, शत्रु कैसा हो-रावण जैसा।

मानव जीवन की सभी समस्याओं का हल मानस में मिल जाता में है। यही कारण है कि आज विश्व की प्रायः सभी प्रमुख भाषाओं में- मेरी प्रिय पुस्तक ‘राम चरित-मानस’ का अनुवाद हो चुका है। विश्व के सभी भागों के लोग रामचरित मानस के अध्ययन में रुचि ले रहे । है। ऐसी महान धार्मिक पुस्तक मेरी प्रिय पुस्तक है, मुझे इस बात का गर्व है।

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Mera Priya Khel Nibandh

Meri Pathshala Nibandh

Meri Priya Pustak Par Nibandh | मेरी प्रिय पुस्तक- गाँधी जी की आत्म-कथा ( 300 words )

मैं ने गर्मी की छुट्टियों में ‘गाँधी जी की आत्म-कथा’ नामक पुस्तक पढ़ी। वह मुझे बहुत पसंद आयी। गाँधी जी के जीवन का बड़ा प्रभाव मुझ पर पड़ा।

गाँधी जी ने बचपन में ‘सत्य हरिश्चंद्र’ नाटक देखा था। उन्होंने अपने जीवन में सत्य-व्रत का पालन करने का निर्णय किया था। एक बार स्कूल इन्स्पेक्टर उनकी कक्षा में आये । इन्सपेक्टर ने विद्यार्थियों से कुछ शब्द लिखने केलिए कहा। गाँधी जी ने एक-दो शब्द गलत लिखे थे। अध्यापक ने उससे बगल के विद्यार्थी को देखकर सही शब्द लिखने केलिए कहा। उन्होंने वैसे नहीं किया। इन्सपेक्टर के पूछने पर सही बात बतायी। इससे अध्यापक नाराज हुए। गाँधी जी ने जीवन-भर सत्य व्रत का पालन किया।

गाँधी जी ने श्रावण कुमार के माता-पिता की भक्ति कथा की फिल्म देखी थी। इससे प्रभावित होकर वे भी माँ-बाप के प्रति श्रद्धा-भक्ति रखते थे।

गाँधीजी की माँ का प्रभाव उन पर बहुत अधिक था। जिस दिन आकाश में बादल छाये रहते थे और सूर्य नहीं दिखायी पड़ता था, उस दिन गाँधी जी की माँ उपवास का व्रत रखती थी। इसी कारण गाँधी जी स्वतंत्रता-आंदोलन के समय कई दिन अनशन व्रत रखते थे। माता जी की अहिंसा प्रवृत्ति का ज्यादा प्रभाव गाँधी जी पर था। इसी कारण वे अंग्रेजों से लड़ते समय अहिंसा की बातें करते थे।

गाँधी जी की आत्म-कथा का मेरे जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ा है। मैंने भी गाँधी जी की तरह सत्य बोलने का निर्णय लिया है। मैं भी अपने माँ-बाप के प्रति भक्ति दिखाना चाहता हूँ। मैं एकादशी को उपवास का- व्रत रखता हूँ। मैं अहिंसा में विश्वास रखता हूँ। इस प्रकार इस पुस्तक ने मेरे नटखट स्वभाव को बहुत परिवर्तित कर दिया है।

मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध- Long Essay on My Favourite Book in Hindi ( 800 words )

भूमिका

कुछ पुस्तकें कालजयी होती हैं; क्योंकि वे जाति विशेष के जीवन, भाव और विचारधारा की सशक्त अभिव्यकति होती है। रामचरित मानस हिन्दू जाति और समाज की भावनाओं, विचारों और दशा का बहुत कलात्मक ढ़ग से व्यक्त करता है। इसकी रचना महाकवि गोस्वामी तुलसीदास ने की है। यह आज से चार सौ साल से अधिक वर्ष पहले रची गयी थी। इसकी रचना जनभाषा अवधी में की गई है। यह हिन्दी साहित्य का सर्वश्रेष्ठ महाकाव्य है। इसमें मर्यादा पुरुषोत्तम रामचन्द्रजी के परम अलौकिक चरित्र का वर्णन किया गया है। इसमें दोहा और चौपाई छंद का प्रयोग किया गया है। यह भारतीय जनता का बहुत लोकप्रिय काव्य है। इसका अनुवाद अनेक देशी विदेशी भाषाओं में हो चुका है।

कथानक

राजा दशरथ अयोध्या के राजा थे। इनकी तीन रानियाँ थींकौशल्या, कैकेयी और सुमित्रा। कौशल्या से राम, कैकेयी से भरत तथा सुमित्रा से लक्ष्मण और शत्रुघ्न का जन्म हुआ था। चारों भाई अल्पकाल में विद्योपार्जन में पूर्ण सफल रहे। विश्वामित्र नामक ऋषि राक्षसों से मुनियों की रक्षा के लिए राम और लक्ष्मण को राजा दशरथ से माँग, जंगल ले गए। राम और लक्ष्मण ने अनेक राक्षसों का वध किया और मुनियों की रक्षा की। कुछ दिनों बाद विश्वामित्र दोनों भाइयों को लेकर जनकपुर गए। वहाँ राजा जनक की कन्या का स्वयंवर रचा गया था। राम ने शिवधनुष तोड़ा। राम का सीता के साथ विवाह हुआ। अयोध्या लौटने पर राम को राजगद्दी पर बैठाने का आयोजन किया जाने लगा। विमाता कैकेयी राजा दशरथ से वरदान माँगकर राम को चौदह वर्ष का वनवास और भरत को अयोध्या का राजा बनाने का उपक्रम करती हैं। राम सीता और लक्ष्मण के साथ पिता की आज्ञा पाकर वन चले जाते हैं। दशरथ, पुत्र-शोक में प्राण त्याग देते हैं। ननिहाल से लौटकर भरत जब यह समाचार सुनते हैं तब बहुत दुखी होते हैं। वे अयोध्यावासियों के साथ चित्रकूट जाकर राम को लौटा लाने का प्रयास करते हैं। राम भरत को समझा-बुझाकर अयोध्या वापस कर देते हैं। भरत राम की खड़ाऊ लेकर अयोध्या लौट आते हैं। भरत राम की खड़ाऊ को राजगद्दी पर आसीन कर राज्य का संचालन करते हैं।

राम अनेक राक्षसों का वध करते हैं। एक दिन रावण की बहन लक्ष्मण द्वारा अपमानित होती है। यह समाचार पाकर रावण छल से सीता का अपहरण कर लेता है और लंका की अशोक वाटिका में रखता है। इस समाचार से राम बहुत दुःखी होते हैं। राम वनवासियों की सहायता से लंका पर चढ़ाई करते हैं। राम और रावण के बीच घनघोर युद्ध होता है। रावण मारा जाता है। राम, सीता को लेकर अयोध्या लौटते हैं और राजगद्दी पर बैठते हैं।

महत्व एवं उपयोगिता

रामचारेत मानस एक साहित्यिक कृति के साथ महत्वपूर्ण धार्मिक ग्रन्थ है। सत्य और धर्म के महत्व पर इस रचना में प्रकाश डाला गया है। यह भी बताया गया है अधर्म पर धर्म की विजय होती है। इस ग्रन्थ में समाज और परिवार के हर सदस्य के कर्त्तव्य पर सुन्दर प्रकाश डाला गया है। रामचरित मानस, निराश दिन्द जनता में आशा का संचार करता है। राम राजा बनने के बाद रामराज्य की स्थापना करते हैं। इस राज्य में कोई दुःखी नहीं है, अन्याय-अत्याचार का नामोनिशान नहीं है। मर्यादा पुरुषोत्तम राम का दिव्य चरित्र प्रत्येक मनुष्य को आदर्श चरित्र प्रदान करता है। समाज, राजनीति, धर्म, नैतिकता आदि के आदर्श रूप का बहुत सुन्दर वर्णन इस ग्रन्थ में हआ है। कौशल्या आदर्श माता हैं, सीता आदर्श पत्नी, भरत और लक्ष्मण आदर्श भाई, राम आदर्श राजा हैं, हनुमान आदर्श सेवक। निषादराज और शबरी के साथ राम का व्यवहार समानता के आधार पर होता है जो ऊँच-नीच के भेदभाव दूर करने की शिक्षा देता है। लोक कल्याण के लिए राम का वन-वन भटकना, ऋषियों मुनियों की राक्षसों से रक्षा करना, अत्याचारियों का विनाश करना, प्रजा का हित साधन करना हमारे सम्मुख राम का महान आदर्श प्रस्तुत करता है।

उपसंहार

आज रामचरित मानस की रचना को चार सौ वर्ष से भी अधिक हुए, किन्तु इसका महत्व अभी भी उतना है जितना रचनाकाल में था। रामचरित मानस की प्रासंगिकता कभी कम नहीं होगी; क्योंकि इसमें मनुष्य के शाश्वत मूल्यों की स्थापना की गयी है। विश्व के प्रख्यात विद्वानों ने इस ग्रन्थ की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। रूसी विद्वान वरनाकोव तो इस ग्रन्थ पर इतना अभिभूत थे कि मरने बाद अपनी कब्र पर निम्नलिखित चौपाई खुदवाने का अनुरोध अपने उत्तराधिकारियों से किया था

परहित सरिस धर्म नहिं भाई। परपीड़ा सम नहिं अधभाई।।

रामचरित मानस की लोकप्रियता जितना विद्वानों के बीच है उतना ही साधारण जनता के बीच भी। रामचरित मानस एक कालजयी और अमर कृति है। इस ग्रन्थ पर हमें गर्व है। अपने इन्हीं गुणों और विशेषताओं के कारण रामचरित मानस हमारी प्रिय पुस्तक है। मैं इसका नियमित पाठ कर आनन्द और सन्तोष प्राप्त करता हूँ।

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इस लेख के माध्यम से हमने Meri Priya Pustak Par Nibandh | Essay on My Favourite Book in Hindi  का वर्णन किया है और आप यह निबंध नीचे दिए गए विषयों पर भी इस्तेमाल कर सकते है।

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Essay on books in hindi पुस्तकों पर निबंध हिंदी में.

Read an essay on books in Hindi language for all generations. Essay on books in Hindi will help you know why book are best friends of yours. पुस्तकों पर निबंध हिंदी में।

hindiinhindi Essay on Books in Hindi

Essay on Books in Hindi

World Without Books in Hindi. पुस्तकों के बिना विश्व कैसा होता। पुस्तकों के बिना विश्व कैसा होता ?

आधुनिक युग में पुस्तकों ने इतना महत्त्वपूर्ण स्थान बना लिया है कि इनके अभाव में संसार की कल्पना करना ही कठिन है। यद्यपि ऐसी स्थिति की संभावना नहीं की जा सकती। फिर भी संसार में पुस्तकों के गायब हो जाने की स्थिति के परिणामों की हम कल्पना कर सकते हैं।

सब से पहले इतिहास की सुरक्षा असंभव हो जाती। ऐतिहासिक तथ्यों तथा महत्त्वपूर्ण कार्यों के लिए केवल याददाशत पर ही निर्भर रहना पड़ता। अखबारों, मैगजीन पढ़ने की प्रत्येक सुविधा का अभाव हो जाता जबकि आज समाचार पत्र से हमारी दिनचर्या का शुभ-आरम्भ होता है।

पुस्तकों की अनुपस्थिति का विद्यार्थियों के अध्ययन पर तो प्रभाव पड़ेगा ही, इसके साथ अध्यापकों पर भी इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। क्योंकि प्रत्येक विषय का हर समय याद होना नामुमकिन है। ऐसी स्थिति में जो विषय याद है, उसको ही पढ़ा पायेंगे और विद्यार्थियों को भी केवल सुनकर ही याद रखना पड़ेगा। पुस्तकों को पड़ने से हमारा बौद्धिक विकास होता है और पुस्तकों को पढ़कर हम अच्छा समय बिता सकते हैं। पुस्तकें एक सच्चे मित्र के रूप में व्यवहार करती हैं। पुस्तकों को पढ़ने के माध्यम से हमें मानसिक सुख प्राप्त होता है। पुस्तकों के बिना हमारा मानसिक विकास रुक जाएगा।

पुस्तकों के अभाव में हमारे वनों की सुरक्षा असम्भव है। हम लकड़ी का भी बचाव कर सकेंगे। क्योंकि पुस्तकों के लिए कागज हम वृक्षों से प्राप्त करते हैं। बेरोजगारी अपनी चरम सीमा को स्पर्श कर जाएगी, क्योंकि लाखों लोग जो कागज बनाने वाले कारखानों में कार्यरत हैं, छपाई मशीनों में काम कर रहे हैं और साथ ही वह लोग जो प्रतिदिन नये अनुभव लिख कर छापने को देते हैं, वे सब बेरोजगार हो जाएंगे।

अत: पुस्तकों के अभाव में हमारा जीवन अधूरा और नीरस हो जाएगा।

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पुस्तकें हमारी सबसे अच्छी मित्र हैं पर निबंध 10 lines (Books Are Our Best Friend Essay in Hindi) 100, 200, 300, 500, शब्दों मे

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Books Are Our Best Friend Essay in Hindi – किताबों में हमारी सबसे अच्छी दोस्त बनने की क्षमता है। एक अच्छे दोस्त की तरह, अच्छी किताबें हमारे दिमाग को सकारात्मक विचारों (positive thoughts) और सूचनाओं से भर देती हैं। किताबों का साथ हमें अकेलापन महसूस होने से रोकता है। एक दिलचस्प किताब पढ़ने के दौरान, हमें बहुत सी बहुमूल्य जानकारी मिल सकती है। यहाँ किताबों पर कुछ नमूना निबंध हैं जो हमारे सबसे अच्छे दोस्त हैं।

किताबों पर 10 पंक्तियाँ बच्चों के लिए हमारी सबसे अच्छी दोस्त हैं (10 Lines on Books are our Best Friends for Kids in Hindi)

  • किताबें हमारी सबसे अच्छी दोस्त होती हैं जो हमसे कभी दूर नहीं होतीं।
  • किताबें अच्छे विचारों और ज्ञान से हमारे दिमाग को बेहतर बनाती हैं।
  • किताबें पढ़ने से हमें जीवन में अच्छे काम करने की प्रेरणा मिलेगी।
  • किताबें हमें समाज की भलाई के लिए अच्छा करने में मदद करती हैं।
  • वर्ष 1453 में, जोहान्स गुटेनबर्ग ने पहली बार प्रेस की गई पुस्तक, गुटेनबर्ग बाइबिल को छापा।
  • किताब पढ़कर हम कई जगहों, संस्कृतियों और परंपराओं के बारे में जान सकते हैं।
  • कागज से बनी दुनिया की सबसे बड़ी किताब दुबई, संयुक्त अरब अमीरात में स्थित है।
  • किताबें पढ़कर हम कई प्रसिद्ध हस्तियों, उनके जीवन और गतिविधियों के बारे में जान सकते हैं।
  • किताबें हमें हर बार एक अलग दुनिया में खोलती हैं।
  • किताबें कभी भी अपना महत्व नहीं खोएंगी और सकारात्मक रूप से बढ़ने में हमारी मदद करेंगी।

पुस्तकें हमारी सबसे अच्छी मित्र हैं पर 100 शब्दों का निबंध (100 Words Essay On Books Are Our Best Friend in Hindi)

सभी ज्ञान और जानकारी जो हमें जानकारी एकत्र करने और इसे पूरी तरह से समझने में सक्षम बनाती हैं, किताबों में पाई जा सकती हैं। किताबें हमारी सबसे सच्ची दोस्त हैं क्योंकि वे हमेशा हमारे साथ रहेंगी। हम तरह-तरह की किताबें पढ़कर अपनी भाषा, रचनात्मकता और कल्पनाशीलता में सुधार कर सकते हैं। मनुष्य की सोचने की प्रक्रिया उत्तेजित होती है, और उनकी जीवन शैली भी बदल जाती है। कई विधाओं में किताबें पढ़ने से आलोचनात्मक सोच और विश्लेषण को बढ़ावा मिलता है। यह दुनिया की बहुत सारी जानकारी प्रदान करता है, और हम दुनिया को वैसे ही देखते हैं जैसे लेखक ने इसका वर्णन किया है। कई आत्मकथाएँ और आत्मकथाएँ लोगों को महान जीवन जीने के लिए प्रेरित कर सकती हैं। किताबें हमें सामान्य रूप से मानव संस्कृति और जीवन शैली के बारे में बहुत कुछ सिखाती हैं साथ ही बेहतर ग्रेड कैसे प्राप्त करें।

किताबें हमारी सबसे अच्छी दोस्त हैं पर 200 शब्दों का निबंध (200 Words Essay On Books Are Our Best Friend in Hindi)

Books Are Our Best Friend Essay in Hindi – किसी व्यक्ति के सबसे अच्छे दोस्त किताबें हो सकते हैं क्योंकि वे उन्हें कभी नहीं छोड़ते, चाहे वे जीवन के किसी भी चरण में हों। ज्ञान और सूचना का सबसे बड़ा स्रोत किताबें हैं। हम विविध विधाओं की पुस्तकें पढ़कर विभिन्न प्रकार से सोच और विश्लेषण कर सकते हैं। किताबें उस समय के लिए सबसे अच्छा उपाय हो सकती हैं जब हम परेशान या पदावनत होते हैं। अपने विचारों को उत्तेजित करने के लिए जब हम अकेले होते हैं तो कोई भी किताब पढ़ने के लिए चुनी जा सकती है। आत्मकथाएँ और आत्मकथाएँ प्रेरणादायक प्रकाशन हैं जो जीवन को बदलने वाले अनुभवों को साझा कर सकते हैं।

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किताबें कैसे हमारी मदद करती हैं

हम तरह-तरह की किताबें पढ़कर अपनी शब्दावली और कल्पनाशक्ति को बढ़ा सकते हैं। चूंकि कोई दृश्य नहीं हैं, पाठक अपनी कल्पना का उपयोग करने की क्षमता में सुधार करते हैं। बार-बार किताब पढ़ने से दुनिया के प्रति हमारा नजरिया बदल सकता है और हमें सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने में मदद मिल सकती है।

किताबें लोगों को दुनिया के बारे में नया और दिलचस्प ज्ञान देकर उन्हें मानसिक रूप से विकसित करने में मदद कर सकती हैं। पाठकों को दुनिया के बारे में नए और दिलचस्प तरीकों से शिक्षित करके, किताबें मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकती हैं। कई अलग-अलग प्रकार की किताबें उपलब्ध हैं, जिनमें उपन्यास, कहानी की किताबें, कविता, रंगमंच, संस्मरण और अन्य प्रकार के लेखन शामिल हैं। ऐसे कई प्रेरक और उत्साहवर्धक उपन्यास उपलब्ध हैं जो व्यक्तियों को प्रेरित कर सकते हैं और उनके जीवन को बदल सकते हैं। क्या पढ़ना है, यह अंततः हर व्यक्ति की पसंद है।

पुस्तकें हमारी सबसे अच्छी मित्र हैं पर 300 शब्दों का निबंध (300 Words Essay On Books Are Our Best Friend in Hindi)

Books Are Our Best Friend Essay in Hindi – पुस्तकें न केवल इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे मनोरंजन, सूचना और आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्रदान कर सकती हैं, बल्कि इसलिए भी कि वे हमारी सबसे अच्छी मित्र हैं। उनके पास हमें विभिन्न स्थानों और समय अवधि में ले जाने की क्षमता है, और वे हमें नई चीजें सीखने में मदद कर सकते हैं। किताबें सदियों से मौजूद हैं, और समाज पर उनका प्रभाव इस तरह से स्पष्ट है कि उन्होंने उस दुनिया को आकार दिया है जिसमें हम आज रहते हैं।

उन्होंने हमारी संस्कृति और हमारे जीवन के तरीके को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, और उनके महत्व को कम करके नहीं आंका जा सकता है। किताबों को अक्सर हानिरहित वस्तु माना जाता है, लेकिन यह सच्चाई से परे नहीं हो सकता। किताबों का इस्तेमाल नफरत और कट्टरता फैलाने के लिए किया जा सकता है, इसलिए यह जरूरी है कि हम उनका ध्यान रखें। हमें हमेशा उन शब्दों के प्रति सचेत रहना चाहिए जिन्हें हम प्रिंट करने के लिए चुनते हैं, क्योंकि यदि हम ऐसा नहीं करते हैं, तो वे न केवल हमारे लिए बल्कि अन्य लोगों के लिए भी हानिकारक परिणाम हो सकते हैं।

किताबें हमारे जीवन की सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक हैं। वे ज्ञान, मनोरंजन और आराम का स्रोत हैं। वे सदियों से आसपास रहे हैं और आने वाले कई सालों तक हमारे जीवन का हिस्सा बने रहेंगे। पुस्तकें महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे हमें विभिन्न संस्कृतियों और धर्मों के बारे में सिखा सकती हैं। वे हमें ऐसी जानकारी भी प्रदान कर सकते हैं जो शायद हमें कहीं और न मिले। वे हमें नए कौशल विकसित करने और नई चीजें सीखने में भी मदद कर सकते हैं। किताबें भी सुकून का जरिया हैं। हम उन्हें तब पढ़ सकते हैं जब हम उदास या अकेला महसूस कर रहे हों। वे हमें खुश और उत्साहित भी महसूस करा सकते हैं।

पुस्तकें महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे हमारी सबसे अच्छी मित्र हैं। वे हमें अलग-अलग दुनिया में ले जा सकते हैं और हमें उन चीजों का अनुभव करने की अनुमति देते हैं जो हम अन्यथा कभी नहीं कर पाएंगे। वे हमें विभिन्न संस्कृतियों और जीवन के अन्य पहलुओं के बारे में भी सिखा सकते हैं जिन्हें हम अन्यथा नहीं देख पाते। अंत में, किताबें हमारे लिए दूसरों से जुड़ने का एक तरीका हैं। हम उनके साथ कहानियाँ साझा कर सकते हैं, उनसे सीख सकते हैं और उनके साथ हँस सकते हैं। किताबें वास्तव में हमारी सबसे अच्छी दोस्त हैं।

पुस्तकें हमारी सबसे अच्छी मित्र हैं पर 500 शब्दों का निबंध (500 Words Essay On Books Are Our Best Friend in Hindi)

“ज्ञान का बड़ा महासागर” एक मुहावरा है जो किताबों से संबंधित है। किताबें दुनिया भर की जानकारी का एक विशाल स्रोत हैं। शुरुआती सालों से किताबें हमारे जीवन का हिस्सा रही हैं। हमेशा ऐसी पुस्तक का चयन करें जो आपकी पसंद और रूचि के अनुसार हो। जो लोग पढ़ना पसंद करते हैं वे किताबें जमा करते हैं और अपने घरों में एक छोटी सी लाइब्रेरी स्थापित करते हैं।

पुस्तकों का महत्व

शाब्दिक अर्थ में, पुस्तकों को छात्रों का सबसे अच्छा दोस्त माना जाता है, और यह भी दावा किया जाता है कि वे उनके सबसे अच्छे साथी के रूप में काम करते हैं। विद्यार्थी के जीवन में इनका बहुत महत्व होता है। छात्रों को किताबें पढ़ने में बहुत आनंद आता है और उनसे बहुत कुछ ज्ञान प्राप्त होता है। वे पाठकों को एक मूल कल्पनाशील ब्रह्मांड से परिचित कराते हुए उनके जीवन स्तर में सुधार करते हैं।

किताबें छात्रों को आशावाद और बहादुरी बनाए रखते हुए कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित कर सकती हैं। वे बच्चों के शैक्षिक अवसरों और बौद्धिक जागरूकता में सुधार करते हैं। किताबें पढ़ने से छात्रों के लिए ज्ञान में वृद्धि, बेहतर याददाश्त और बढ़ी हुई शब्दावली सहित कई फायदे हैं।

किताबें पढ़ने के फायदे

छात्रों के लिए किताबें पढ़ने के कुछ लाभ इस प्रकार हैं:

छात्रों को बुद्धिमान बनाता है | किताबें छात्रों के ज्ञान को बढ़ाती हैं और उनकी बुद्धि को तेज करती हैं। वे वैश्विक संस्कृति के कई रंगों को उजागर करते हैं और विभिन्न भ्रांतियों का खंडन करते हैं। छात्र साहित्य पढ़ने के माध्यम से दुनिया भर में विविध समुदायों और सभ्यताओं के बारे में सीखते हैं। छात्र अतीत, वर्तमान और भविष्य की जांच कर सकते हैं और साथ ही साहित्य पढ़ने के माध्यम से विभिन्न मुद्दों का समाधान खोज सकते हैं। पुस्तकें छात्र के दिमाग में बुद्धि और मौलिकता का मूल्यांकन करती हैं।

तनाव दूर करें | छात्र किताबें पढ़कर तनाव को प्रभावी ढंग से कम कर सकते हैं। छात्र कम तनाव महसूस करते हैं और जब वे पढ़ते हैं तो उन्हें एक कल्पनाशील दुनिया में ले जाया जाता है। किताबें पढ़ने वाले छात्रों में सकारात्मक ऊर्जा भरी होती है, जो उन्हें अपने जीवन में बदलाव लाने के लिए प्रेरित और प्रेरित करती है।

बेहतर शब्दावली | छात्रों के लिए अपनी शब्दावली बढ़ाने के लिए किताबें पढ़ना सबसे अच्छा तरीका है। जब बच्चे विविध विषयों पर विभिन्न प्रकार की पुस्तकें पढ़ते हैं, तो वे अधिक नए शब्द चुनने में सक्षम होते हैं, जो न केवल उन्हें अपनी शब्दावली का विस्तार करने में मदद करता है बल्कि उन्हें कई विषयों के बारे में अधिक जानकार बनने में भी मदद करता है।

बढ़ा हुआ फोकस | जब छात्र आराम करने के लिए किताबें पढ़ते हैं, तो यह स्वाभाविक रूप से उनकी दैनिक गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में मदद करता है। इसके अतिरिक्त, छात्र कम समय में अधिक अध्ययन करने में सक्षम होंगे और उनकी शैक्षणिक उपलब्धि में वृद्धि होगी। जब छात्रों को तनाव नहीं होता है, तो वे बिना किसी रुकावट के अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं और उच्च अंक प्राप्त करने की संभावना अधिक होती है।

विश्लेषणात्मक कौशल विकसित करें | किताबें पढ़ने से छात्रों को अधिक विश्लेषणात्मक बनने और कठिनाइयों को हल करने के लिए बेहतर ढंग से सुसज्जित होने में मदद मिल सकती है। उपन्यास पढ़ने से बच्चों की समझ और कई स्थितियों के प्रति जागरूकता बढ़ सकती है। पढ़ना छात्रों के आत्मविश्वास में सुधार करता है और उन्हें विनम्र और सहानुभूतिपूर्ण होना सिखाता है। उपन्यास पढ़ने से छात्रों को अधिक कल्पनाशील और रचनात्मक होने के साथ-साथ अधिक आशावादी बनने में मदद मिल सकती है।

किताबें ज्ञान और सूचनाओं का दुनिया का सबसे बड़ा संग्रह हैं। पुस्तकें और उनकी जानकारी किसी व्यक्ति को उसके जीवन के किसी भी मोड़ पर कभी नहीं छोड़ती है, जिससे वे लोगों के लिए एक आदर्श साथी बन जाते हैं। किताबें हमारी सबसे अच्छी दोस्त हैं क्योंकि वे हमें कभी पीछे नहीं छोड़ती हैं और उनके पास सभी सवालों के जवाब होते हैं।

पुस्तकों हमारे सबसे अच्छे मित्र हैं पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

प्रश्न 1. पुस्तकें क्यों महत्वपूर्ण हैं .

उत्तर: पुस्तकें विभिन्न प्रकार से महत्वपूर्ण हैं; यह पाठकों को बिना कहीं जाए यात्रा करने की अनुमति देता है। यह बच्चों की कल्पना को पंख प्रदान करता है। यह खुशी, खुशी, ज्ञान, ज्ञान और जीवन को बदलने की क्षमता देता है। किताबें संज्ञानात्मक विकास में सुधार करती हैं, संज्ञानात्मक गिरावट को रोकती हैं और आत्मविश्वास में सुधार करती हैं।

प्रश्न 2. पुस्तकें कितने प्रकार की होती हैं?

उत्तर: पुस्तकों को फिक्शन या नॉनफिक्शन के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। इन दो प्रकार की पुस्तकों में विभिन्न विधाएं हैं। कुछ कक्षाएँ कविताएँ, नाटक, उपन्यास, इतिहास, लघु कथाएँ, व्यंग्य, आत्मकथा आदि हैं।

मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध | Essay on My Favorite Book in Hindi

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ADVERTISEMENTS:

मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध | Essay on My Favorite Book in Hindi!

पुस्तकें हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं । वे समय-समय पर एक अच्छे मित्र व गुरु की भूमिका अदा करती हैं । किसी व्यक्ति को जीवन में सफलता दिलाने में इनका बहुत बड़ा योगदान होता है ।

लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने सच ही कहा है कि ”मैं नरक में भी उत्तम पुस्तकों का आदर करूँगा क्योंकि इनमें वह शक्ति है जो नर्क में भी स्वर्ग का सुख प्रदान कर सकती है । वैसे तो मैंने अब तक अनेक पुस्तकें पढ़ी हैं परंतु इन सब मैं गोस्वामी तुलसीदास द्‌वारा रचित ‘रामचरित-मानस’ ने मुझे अत्यधिक प्रभावित किया है ।”

‘रामचरितमानस’ मेरी सबसे प्रिय पुस्तक है, क्योंकि यह एक कहानी संग्रह मात्र ही नहीं है अपितु उससे अधिक है जिसमें दर्शन के साथ ही उत्तम चरित्र निर्माण हेतु सभी तत्व विद्‌यमान हैं । यह पुस्तक अयोध्या के राजा श्रीराम के जीवन चरित्र पर आधारित है जिन्हें हिंदूजन भगवान का अवतार मानते हैं ।

श्रीराम अयोध्या के राजा दशरथ के पुत्र थे । बचपन से ही वे बहुत प्रतिभावान थे । उनमें वे सभी गुण विद्‌यमान थे जो किसी आदर्श पुत्र में होने चाहिए । अपने पिता की इच्छा का सम्मान करते हुए वे 14 वर्ष के लिए अपने भाई लक्ष्मण तथा पत्नी सीता सहित वनवास के लिए गए ।

इस दौरान उन्हें अनेक असुरों से सामना करना पड़ा । श्री हनुमान जी भी वनवास के दौरान ही उनसे मिले । उनकी पत्नी को आततायी असुरराज रावण उठाकर ले गया । श्रीराम का रावण के साथ भयंकर युद्‌ध हुआ ।

अंत में श्री राम की विजय हुई तथा रावण सहित अनेक बड़ी आसुरी शक्तियों का नाश हुआ । उसके पश्चात् वनवास पूरा होने के उपरांत वे अपनी पत्नी व भाई सहित वापस अयोध्या लौट आए और अनेक वर्षों तक अयोध्या पर राज्य किया ।

मनुष्य के उत्तम चारित्रिक विकास के लिए ‘रामचरितमानस’ संसार की सर्वश्रेष्ठ पुस्तकों में से एक है । इसमें जीवन के लगभग सभी पहलुओं का समावेश है । दु:ख, सुख, घृणा, अहंकार, पितृभक्ति, प्यार, क्षमा, त्याग आदि सभी भाव इसमें मिलते हैं ।

यह हमें सिखाती है कि हम माता-पिता, भाई-बहन, पत्नी, पुत्र, गुरुजन, अजनबी व अन्य सगे-संबधियों के साथ किस प्रकार का आचरण रखें । रामचरितमानस में यूँ तो सदियों पुरानी कहानी है परंतु इसकी प्रासंगिकता आज भी है और भविष्य में भी बनी रहेगी ।

इस कहानी में श्रीराम मर्यादा पुरुषोलम के रूप में अवतरित हैं जिन्होंने धर्म की रक्षा के लिए असुरों का संहार किया । सीता एक आदर्श पत्नी की भूमिका में हर सुख-दुख में अपने पति के साथ रहीं । अयोध्या के संपूर्ण वैभव को त्यागकर पति के साथ वन में भटकीं । राजा दशरथ ने पुत्र वियोग में अपने प्राण त्याग दिए लेकिन अपने वचन को पूरा किया ।

भ्राता लक्ष्मण ने सभी कठिनाइयों में श्रीराम का साथ दिया । भ्राता भरत ने श्रीराम का सेवक बनकर राजकाज सँभाला । इसी प्रकार हनुमान की स्वामिभक्ति को इस ग्रंथ में बड़े ही अद्‌भुत ढंग से प्रस्तुत किया गया है । महावीर हनुमान ने अपने स्वामी राम से शक्ति पाकर ऐसे-ऐसे महान् कार्य किए जो मानव इतिहास में अद्‌वितीय हैं । यह पुस्तक अनेक ऐसे आदर्श उदाहरणों से परिपूरित है ।

यह हमें सिखाती है कि अंतत: अच्छाई ही बुराई पर विजय प्राप्त करती है । दुष्ट प्रकृति के लोग ही अंतत: कष्ट पाते हैं अथवा उनका समूल नष्ट हो जाता है । निस्संदेह देश के जनमानस पर यह पुस्तक अपनी अमिट छाप छोड़ चुकी है ।

शायद ही कोई ऐसा हिंदू घर होगा जहाँ यह पुस्तक न हो । हम सब को चाहिए कि इसके उच्च शिक्षा आदर्शो का अनुसरण कर हम श्रेष्ठतम चरित्र का निर्माण करें और स्वयं के तथा अपने कुल व राष्ट्र के नाम को गौरवान्वित करें ।

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मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध

Essay On My Favorite Book in Hindi: पुस्तक वहां ज्ञान का भंडार है, जिसके जरिए व्यक्ति महान बनता है। पुस्तक ही व्यक्ति को सही रास्ता दिखाती है। उत्तम और आदर्श पुस्तक व्यक्ति को नर्क से स्वर्ग तक ले जा सकती है।

पुस्तक की हमेशा इज्जत करनी चाहिए। पुस्तक जो व्यक्ति को मित्र और गुरु दोनों का ज्ञान और सहारा देने में सक्षम है। पुस्तक से व्यक्ति को आदर्श संस्कार मिलते हैं।

Essay On My Favorite Book in Hindi

हम यहां पर मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध हिंदी में शेयर कर रहे है। इस निबंध में मेरी प्रिय पुस्तक के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेयर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

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मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध | Essay On My Favorite Book in Hindi

मेरी प्रिय पुस्तक पर 10 लाइन.

  • जीवन में सफलता दिलाने के लिए पुस्तक एक मार्गदर्शक काम करती है।
  • एक सही पुस्तक में मनुष्य के विचार, आचार और मानसिकता को बदलने की ताकत होती है।
  • पुस्तक एक सच्चे मित्र और गुरु दोनों की दोहरी भूमिका अदा करती है।
  • सभी पुस्तक में से मेरी सबसे पसंदीदा पुस्तक गीता है।
  • हिन्दू शास्त्रों में गीता का सर्वप्रथम स्थान है।
  • जीवन के सभी प्रश्नों और समस्या का समाधान गीता में है।
  • गीता हमें बताती है कि कर्म करना मनुष्य का अधिकार है। कर्म करो और फल की इच्छा मत रखो।
  • गीता बताती है की मनुष्य को क्रोध और मन पर नियंत्रण बनाये रखना चाहिए क्योंकि दोनों ही शांति के दुश्मन है।
  • गीता हमें विश्व बंधुत्व का संदेश भी देती है।
  • गीता ही एक ऐसी पुस्तक है, जिसका कई भाषा में अनुवाद भी किया गया है।

मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध 200 शब्दों में (Meri Priya Pustak Par Nibandh)

पुस्तक ज्ञान का भंडार होता है। एक सही पुस्तक में मनुष्य के विचार, आचार और मानसिकता को बदलने की ताकत होती है। पुस्तक से बढ़कर दुनिया में कोई भी सच्चा मित्र नहीं है। मैंने मेरे जीवन में 100 से भी ज्यादा पुस्तकें लगभग सभी विषयों पर पढ़ी है, जिस में से मेरी प्रिय पुस्तक है गांधीजी की आत्मकथा ‘सत्य के प्रयोग’।

सत्य के प्रयोग गांधीजी की आत्मकथा है। यह पुस्तक गाँधीजी के जीवन का दर्पण है। इसमें बताया गया है कि किस तरह एक साधरण लड़का एक असाधारण सी जिंदगी जीता है। इस पुस्तक को लिखने में गांधीजी ने बड़ी ईमानदारी बताई है। उन्होंने  मांस खाना, छुपकर धूम्रपान करना, पैसों की चोरी करना, आत्महत्या की कोशिश और पत्नी के प्रति कठोर व्यवहार आदि प्रसंगों को प्रेरक प्रसंग के रूप में प्रस्तुत किया है।

दक्षिण अफ्रीका से लेकर भारतीय स्वतंत्रता-संग्राम के सभी प्रसंगों का इतनी सहजता से वर्णन किया है। ऐसा लगा रहा है सभी घटनाएं आंखों के सामने हो। इसके अलावा गांधीजी ने सत्य और अहिंसा, धर्म, भाषा, जाति आदि अनेक विषयों पर अपने विचार सहज ढंग से व्यक्त किए हैं।

वाक्यों को इतना सरल लिखा है कि उसमें प्रेम और भाव दोनों नजर आते है। इस पुस्तक ने मुझे काफी प्रभावित किया है। मेरी जीवन जीने की सोच को बदल दिया है और मुझे सत्य की राह दिखाई है।

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मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध 500 शब्दों में (My Favourite Book Essay in Hindi)

पुस्तक जो ज्ञान का महासागर है और यहीं से व्यक्ति सब कुछ सीखता है। बच्चा जब छोटा होता है तब से लेकर बुढ़ापे तक पुस्तक ही एक सहारे के रूप में लकड़ी बनकर खड़ी रहती है। पुस्तक के जरिए ही हर व्यक्ति विद्वान होता है और हर जगह पुस्तक अपना सहयोग और मुख्य भूमिका निभाती है।

मेरी पसंदीदा पुस्तक राम चरित्र मानस है। रामचरित्र मानस पुस्तक सिर्फ एक कहानी मात्र नहीं है। इस पुस्तक से यदि ज्ञान अर्जित किया जाए तो राम चरित्र मानस जो ज्ञान का भंडार है। यहां से सीखने वाला सब कुछ सीख सकता है।

रामचरित्र मानस के बारे में

राम चरित्र मानस पुस्तक अयोध्या के राजा भगवान श्रीराम पर लिखित एक महान पुस्तक है। इस पुस्तक के जरिए सुख और दुख रहते हुए व्यक्ति को किस प्रकार जीना चाहिए, इसका विस्तृत ज्ञान इस पुस्तक के जरिए व्यक्ति सीख सकता है।

राम चरित्र मानस पुस्तक में भगवान श्रीराम पर जो घटनाएं घटी उनका विस्तृत वर्णन है। इस प्रकार से भगवान श्री राम और हनुमान जी वनवास में मिले। उसके पश्चात भगवान श्री राम की पत्नी माता सीता को रावण हरण करके श्री लंका ले गया। उसके बाद भटकते भटकते भगवान श्री राम और हनुमान जी लंका पहुंचे।

लंका जाने के बाद रावण को समझाने का प्रयास किया। लेकिन रावण नहीं माना तो आखिरकार भगवान श्रीराम ने युद्ध करके लंका को जीता और माता सीता के साथ पुनः आयोजकों ने इस दौरान कई रक्षकों और असुरों का नाश हुआ। अयोध्या लौटने के पश्चात भगवान श्रीराम ने अयोध्या में पुनः कई सालों तक अपना राज किया।

रामचरित्र मानस पुस्तक की खास बात

रामचरित्र मानस में लिखी गई बातें जो व्यक्ति को विद्वान बनाती है। इस किताब के जरिए व्यक्ति को सुख और दुख में कैसे जीना है और हर परिस्थिति में भाई-बहन माता-पिता पत्नी और प्रिय जनों के साथ किस प्रकार का बर्ताव करना है। इसके बारे में जानकारी है।

व्यक्ति राम चरित्र मानस जैसी किताब पढ़कर इस बातों को सीख सकता है। मैंने भी अपने जीवन में राम चरित्र मानस किताब से अपने अहंकार और गुस्से को कैसे काबू रखना है और कैसे आगे बढ़ना है इसकी शिक्षा ग्रहण की है।

किताब मनुष्य का एक अद्भुत सहारा है। पुस्तक मनुष्य को हर परिस्थिति से उबारने और आगे बढ़ाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध हिंदी में 600 शब्दों में (Meri Priya Pustak Essay in Hindi)

हमारे जीवन में पुस्तक का एक महत्वपूर्ण स्थान होता है। जीवन में सफलता दिलाने के लिए पुस्तक एक मार्गदर्शक काम करती है। पुस्तक ज्ञान की पूंजी होती है। पुस्तक एक सच्चे मित्र और गुरु दोनों की दोहरी भूमिका अदा करती है। एक अच्छी किताब सौ दोस्तों के बराबर होती हैं, जो विपरीत परिस्थितियों में भी इंसान का साथ नहीं छोड़ती।

एकांत में पुस्तक जैसा कोई साथी नहीं है। हमारे जीवन के लिए पुस्तकें प्रेरणादायक होती है। बचपन से ही मुझे किताबें पढ़ने का बहुत शौख रहा है। मैंने अब तक लगभग घार्मिक, सांस्कृतिक, हॉरर, पौराणिक, नवलकथा, रोमेंटिक लगभग सभी विषयों पर पुस्तकें पढ़ी है।

मेरी प्रिय पुस्तक- गीता

सभी पुस्तक में से मेरी सबसे पसंदीदा पुस्तक गीता है। हिन्दू शास्त्रों में गीता का सर्वप्रथम स्थान है। शायद ही कोई ऐसा हिंदू घर होगा, जहाँ यह पुस्तक न हो। गीता संस्कृत में लिखी गई है। विदेशों में भी गीता को बेहद पसंद किया गया है। गीता ही एक ऐसी पुस्तक है, जिसका कई भाषा में अनुवाद भी किया गया है।

जीवन के सभी प्रश्नों और समस्या का समाधान गीता में है। गीता का ज्ञान भगवन श्री कृष्ण ने खुद अपने मुंह से गाकर बताया है। गीता किसी जाति और धर्म का नहीं बल्कि पुरे मानवता का ग्रन्थ है। गीता को पढने से लोगों का पाप दूर हो जाते है।

महाभारत युद्ध के आरम्भ में जब अर्जुन अपने भाइयों को युद्ध के मैदान में अपने सामने खड़ा हुआ देखता है, तब वो विचलित हो जाता है और युद्ध करने से मना कर देता है। तब भगवान श्री कृष्ण सारथी बनकर अर्जुन को कर्म के सिद्धांत के बारे में बताते है।

गीता में कुल १८ अध्याय और ७२० श्लोक हैं। गीता मनुष्य, इस ब्रह्मांड में उसकी स्थिति, उसकी आत्मा, उसके कर्तव्य और जीवन में भूमिका पर एक उत्कृष्ट ग्रंथ है। गीता में कर्मयोग, भक्तियोग, राजयोग और जन योग के बारे में बताया गया है।

गीता की सीख

गीता हमें बताती है कि कर्म करना मनुष्य का अधिकार है। कर्म करो और फल की इच्छा मत रखो। मनुष्य को अपना कर्तव्य करना चाहिए और परिणाम भगवान पर छोड़ देना चाहिए। भगवान सर्वोच्च न्यायाधीश हैं और और पूरी सृष्टि उनकी इच्छा के आधीन है। हर परिस्थिति में मनुष्य को खुश और शांत रहने की कोशिश करनी चाहिए।

चीजें वैसी नहीं हैं जैसी वे दिखती हैं। इसलिए मनुष्य को ईश्वर में विश्वास रखना चाहिए और अपना कर्तव्य करते रहना चाहिए। गीता में यह भी बताया है कि आत्मा मृत्युहीन है। शरीर ही है जो मरता है। मृत्यु केवल वस्त्रों का परिवर्तन है। मनुष्य को मृत्यु से डरने का कोई कारण नहीं है। इस ग्रन्थ से भटके हुए मनुष्य को राह मिलती है। गीता हमें विश्व बंधुत्व का संदेश भी देती है।

गीता बताती है की मनुष्य को क्रोध और मन पर नियंत्रण बनाये रखना चाहिए क्योंकि दोनों ही शांति के दुश्मन है। भगवान बताते है की जो भी मेरे शरण में आता है मैं उसे परम पद तक पहुंचाता हूँ।

बड़े बड़े संत, ज्ञानी पुरुष और गुरुओं भी गीता का शरण ले चुके है। हमारे प्रिय महात्मा गाँधी भी समस्याएं आने पर गीता का ही शरण लेते थे। गीता मेरे जीवन में मेरे लिए प्रेरणा का एक बड़ा स्रोत रही है। जीवन में समस्याएं आने पर में भी गीता की शरण लेता हूं।

मुझे ऐसा प्रतीत होता है कि भगवान कृष्ण स्वयं मुझसे व्यक्तिगत रूप से बात कर रहे हैं और मैं खुद को एक अलग ब्रह्मांड में ऊंचा पाता हूं। यह वह पुस्तक है जिसने मुझे मेरे जीवन के विभिन्न उतार-चढ़ावों के माध्यम से बनाए रखा है। यही कारण है कि मैं इसकी प्यार और पूजा करता हूँ। इससे मुझे मानसिक शांति और खुशी मिलती है।

मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध 800 शब्द (Essay on My Favourite Book in Hindi)

वैसे तो हमें किताबें पढ़ना बहुत पसंद है, किताबों को पढ़ने से हमें विद्या की प्राप्ति होती है और किताबों से हम बहुत कुछ सीखते हैं, बच्चों पर किताबों का प्रभाव बहुत पड़ता है, बच्चे किताबों में जो पढ़ते हैं वही सीखते हैं, जिससे बच्चे किताबों में से अपना बुरा, भला, लाभ, हानि, हमें क्या करना चाहिए क्या नहीं करना चाहिए ऐसी बातों को सीखते हैं।

किताबे पढ़ना तो लगभग सभी लोगों को पसंद है। परंतु साथ ही साथ अलग-अलग लोगों को अलग-अलग किताबें पढ़ना पसंद है। किसी व्यक्ति को महान योद्धाओं की पुस्तक पढ़ना पसंद है तो किसी को कहानियों की किताब पढ़ना पसंद है तो किसी को भक्ति की कहानियां पढ़ना बहुत पसंद होता है।

मेरी प्रिय पुस्तक

ऐसे में मेरी प्रिय पुस्तक रामचरितमानस है, रामचरितमानस में भगवान राम के संपूर्ण जीवन का विस्तार पूर्वक वर्णन किया गया है, रामचरितमानस किताब पढ़ना मुझे बहुत अच्छा लगता है। इस किताब से मैंने बहुत कुछ सीखा है, इस किताब से हम बहुत कुछ सीख सकते हैं जैसे कि हमें अपने जीवन में कौन-कौन से आचरण करने चाहिए, हमें किसी का बुरा नहीं सोचना चाहिए।

इस किताब को पढ़ने के बाद मैं इस किताब में पढ़ी हुई चीजों को अपने अंदर धारण करने की कोशिश करता हूँ। रामचरितमानस की किताब को गोस्वामी तुलसीदास द्वारा15 वीं शताब्दी-16 वीं शताब्दी के मध्य में किया गया है। रामचरितमानस की किताब को गोस्वामी तुलसीदास जी ने अवधी भाषा में लिखा है तथा गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरितमानस को सात खंडों में विभाजित किया है और वे सातों खंड निम्नलिखित हैं:

अयोध्या कांड

किष्किंधा कांड.

चलिए हम जानते हैं कि इन सभी भागों में क्या हुआ था, इन सभी भागों के बारे में विस्तार पूर्वक जानते हैं।

बालकांड में भगवान श्री राम जी के बचपन से लेकर विवाह तक का संपूर्ण वर्णन है। रामचरितमानस के बालकांड में 7 श्लोक, 341 दोहे, 25 सोरठा, 39 छंद तथा 358 चौपाई है।

राजा दशरथ की कोई संतान नहीं थी, जिस के दुख से उन्होंने एक एक करके तीन शादियां की। परंतु उनकी तीनों रानियों से उन्हें संतान के सुख की प्राप्ति नहीं हुई। राजा दशरथ ने संतान की प्राप्ति के बहुत उपाय सोचे। परंतु उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था और वह संतान की प्राप्ति ना होने के कारण हमेशा हो जाते थे। बाद में उनके मंत्रियों ने भारत को सलाह दिया कि आप एक यज्ञ कराएं जिसमें सभी देवी देवताओं की पूजा करें और सभी संसाधनों को उस यज्ञ में बुलाएं।

इस जगह को करने के पश्चात संत साधुओं ने उन्हें खीर दिया और कहा आप इस खीर को सभी रानियों को खिला दें, जिससे कि सभी रानियों को संतान की प्राप्ति हो जाएगी और राजा ने ऐसा ही किया और ऐसा हुआ भी। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को बड़ी रानी कौशल्या गई को बसे भगवान राम ने जन्म लिया और रानी कैकेई ने भारत को जन्म दिया तथा रानी सुमित्रा ने 2 बच्चों को जन्म दीया लक्ष्मण और शत्रुघ्न।

बाद में ऋषि विश्वामित्र ने राजा दशरथ से राम और लक्ष्मण जी को अपने आश्रम में जाने की अनुमति मांगी और राक्षस ने उन्हें उनके आसन जाने की अनुमति भी दे दी और महर्षि विश्वामित्र जी राम लक्ष्मण को अपने आश्रम में गए थे।

महर्षि विश्वामित्र के आश्रम वाले जंगल में ताड़का और उनके दो असुर पुत्र रहते थे, जो ऋषि यों को यज्ञ नहीं करने देते थे। भगवान राम और लक्ष्मण जी ने ऋषि विश्वामित्र के यज्ञ में कोई बाधा ना आने दिया और उन्होंने राक्षसी तारिका तथा उनके दोनों पुत्रों मारीच तथा सुबाहु इन तीनों राक्षसों का अंत किया और ऋषियों को आजाद कर दिया।

विश्वामित्र जी के कहने पर भगवान राम ने जनक जी द्वारा आयोजित उसी कार्यक्रम में भाग लिया और उसे जीतकर सीता जी से स्वयंबर किया और बाद में विवाह भी कर लिया भगवान श्री राम के विवाह के साथ-साथ उनके सभी भाइयों का विवाह माता सीता के बहनों के साथ हो गया।

इस भाग में राधा कृष्ण भगवान श्रीराम का राजा अभिषेक करना चाहा। परंतु देवी-देवताओं ने ऐसा ना होने दिया वे जानते थे कि यदि भगवान श्री राम का राज्याभिषेक हो जाएगा तो वे राज्य संभालने लग जाएंगे और रावण का वध कभी नहीं हो पाएगा।

वनवास के कुछ काल पश्चात भगवान श्री राम और माता सीता ने चित्रकूट को प्यार दिया और वह ऋषि के आश्रम पहुंच गए। वहां ऋषि अत्री और उनकी पत्नी अनुसूया ने माता सीता को भगवान श्री राम के प्रति उन्हें कैसी पतिव्रता स्त्री रहनी चाहिए, इसके बारे में विस्तारपूर्वक समझाया।

किष्किंधा कांड में भगवान श्री राम के हनुमान जी से मिलन से लेकर बाली के वध से लेकर माता सीता के खोज की तैयारी तक का संपूर्ण वर्णन है की वानर सेना ने कैसे माता सीता को ढूंढने का असीमित प्रयास किया।

इस भाग में हनुमान जी के सभी कार्यों का वर्णन किया गया है कि उन्होंने माता सीता का पता कैसे लगाया, लक्ष्मण जी को कैसे बचाया इत्यादि सभी कार्यों का विस्तार पूर्वक वर्णन है।

इस भाग में जामवंत के आदेश है नल और नील ने अपनी वानर सेना को लेकर समुद्र में एक पुल का निर्माण कर दिया। अंगद जी भगवान श्री राम का दूत बनकर रावण के पास गए और उन्होंने रावण के सामने एक प्रस्ताव रखा रावण भगवान श्री राम के शरण में आ जाए, परंतु रावण नहीं माना और उसने युद्ध के लिए ललकारा।

युद्ध के अंत में भगवान श्रीराम ने रावण का अंत कर लंका पर जीत हासिल की और माता सीता को आजाद कराया भगवान श्रीराम ने सभी का अंत कर दिया। पर विभीषण ने भगवान श्री राम की शरण ले ली थी, इसलिए भगवान श्री राम ने विभीषण को लंका सौप कर वापस लौट गए।

यह भाग अंतिम मान गए इस भाग में भगवान श्री राम, लक्ष्मण जी और माता सीता अयोध्या पहुंचे और वहां भगवान श्री राम जी का राज्याभिषेक हुआ और इसी भाग में माता सीता के ऊपर लांछन लगाया गया और प्रजा की खुशी के लिए भगवान श्री राम जी ने माता सीता को त्याग दिया तथा अंत में माता सीता ने अपने आप को अग्नि मैं समर्पित कर दिया।

रामायण में बताये गए राम के जीवन से हमें अपने जीवन में बहुत कुछ सीखने को मिलता है। हर किसी के जीवन में उतार चढाव आते हैं, हमें कभी भी हार मान कर नहीं बैठना चाहिए और हर विकट परिस्थिति का खुलकर सामना करना चाहिए।

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किताब पर निबंध

essay about book in hindi

By विकास सिंह

Essay on book in hindi

पुस्तकों को एक व्यक्ति का सबसे अच्छा दोस्त माना जाता है। वे ज्ञान और जानकारी की एक संगृह हैं। यह ठीक ही कहा गया है, “एक पुस्तक से वफादार कोई दोस्त नहीं है”। किताब हमें बहुत कुछ देती हैं लेकिन बदले में यह कुछ नहीं मांगती हैं। । एक अच्छी किताब हमारे मूड को तुरंत उभार सकती है और हम पर गहरा असर छोड़ सकती है। इस प्रकार समझदार बनने के लिए विभिन्न प्रकार की पुस्तकों को पढ़ने की अत्यधिक अनुशंसा की जाती है।

किताब पर निबंध, short essay on book in hindi (200 शब्द)

सदियों से लाखों किताबें लिखी और प्रकाशित की गई हैं। मनुष्य ने प्राचीन काल से लिखना शुरू किया और यह एक प्रथा है जो उसने आज के आधुनिक युग में भी नहीं छोड़ी है।

कई अनुभवी और अनुभवी लेखकों ने विभिन्न विषयों पर कई पुस्तकों को लिखा है। काल्पनिक और गैर-काल्पनिक दोनों तरह की किताबें विज्ञान, ज्योतिष, फैशन, सौंदर्य, जीवन शैली, इतिहास, संस्कृति, दर्शन और प्रौद्योगिकी सहित विभिन्न शैलियों पर लिखी गई हैं। इन पुस्तकों में विभिन्न विषयों के बारे में ज्ञान है और यह पाठकों को मंत्रमुग्ध कर रही हैं। किताब पढ़ने की आदत उन सबसे अच्छी आदतों में से एक है, जिसे कोई व्यक्ति अपना सकता है।

एक व्यक्ति जो किताबें पढ़ना पसंद करता है, वह कभी अकेला या ऊब महसूस नहीं कर सकता क्योंकि किताबें हमेशा उसके भले के लिए होती हैं। इन्हें आसानी से चलते-फिरते ले जाया जा सकता है और बस कहीं भी पढ़ा जा सकता है। किताबें न केवल बोरियत को मारने और अकेलेपन की भावना से बचने में मदद करती हैं बल्कि ज्ञान भी प्रदान करती हैं।

एक व्यक्ति जो विभिन्न प्रकार की पुस्तकों को पढ़ता है और नियमित रूप से पढ़ने के लिए प्रेरित करता है, वह अच्छी तरह से सीखता है। वह सांसारिक बुद्धिमान होता है। वह विभिन्न स्थितियों को उन लोगों की तुलना में बेहतर ढंग से संभाल सकता है जो पढ़ने में आनाकानी करते हैं।

किताबें पढ़ना आत्मविश्वास बनाता है और यह उसके व्यक्तित्व में प्रतिबिंबित होता है। लोग ऐसे व्यक्ति को देखते हैं जो अच्छी तरह से पढ़ा हुआ है।

किताब पर निबंध, 300 शब्द :

प्रस्तावना:.

यात्रा, प्रौद्योगिकी, पौराणिक कथाओं, खगोल विज्ञान, फैशन, विज्ञान, साहित्य, इतिहास सहित विभिन्न विषयों पर कई पुस्तकें लिखी गई हैं। विभिन्न क्षेत्रों के प्रत्येक और हर पहलू को अलग-अलग पुस्तकों द्वारा छुआ गया है। इन्हें इस प्रकार ज्ञान के खजाने के रूप में जाना जाता है। जितनी गहराई में आप किताबों में ढूंढते हैं, उतना ही अधिक खजाना आपको मिल जाएगा – एक ऐसा खजाना जो हमेशा के लिए आपके पास रहेगा।

पुस्तकें ज्ञान की प्रचुरता प्रदान करती हैं:

कई लेखकों ने विभिन्न विषयों पर कई किताबें लिखी हैं। इन पुस्तकों के माध्यम से एक ही विषय के विभिन्न पहलुओं को छुआ गया है। इस प्रकार किताबें पढ़ना एक व्यक्ति को ज्ञान की प्रचुरता प्रदान कर सकता है और उसे प्रबुद्ध कर सकता है।

बहुत से लोग एक विषय या दो का चयन करते हैं और उनके बारे में गहराई से जानने के लिए उन पर कई किताबें पढ़ते हैं। दूसरों ने सामान्य रूप से अपने ज्ञान को व्यापक बनाने के लिए विभिन्न विषयों पर किताबें पढ़ीं। पुस्तकें ज्ञान की प्रचुरता प्रदान करती हैं। जो लोग किताबें पढ़ने की आदत को बढ़ाते हैं, वे आमतौर पर नियमित पढ़ने के लिए पुस्तकालय की सदस्यता लेते हैं।

पुस्तकें रूचि तलाशने में मदद करती हैं:

किताबें भी हमारी रुचि का पता लगाने में हमारी मदद करती हैं। हर व्यक्ति हर विषय में दिलचस्पी नहीं रखता है। लोगों के अपने निजी हित और पसंद हैं। हालाँकि, जब तक हम किसी विशेष विषय के बारे में नहीं सीखते, तब तक हम यह नहीं जान पाएंगे कि यह हमारी रुचि का है या नहीं।

पुस्तकें यह जानने का सबसे अच्छा तरीका है कि हमारी रुचि किन विषयों के बारे में पढ़ने से है। पुस्तकें हमारी रुचि का पता लगाने में हमारी मदद करती हैं। हम जितना अधिक विषयों को पढ़ेंगे, हम समझेंगे कि वास्तव में हमारी रुचि क्या है। इस प्रकार छात्रों के लिए विभिन्न प्रकार की पुस्तकों को पढ़ना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे उन्हें यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि उनकी रुचि कहाँ है। इससे उनके करियर का रास्ता चुनने में काफी मदद मिलती है।

निष्कर्ष:

इस प्रकार, पुस्तकें हमारे ज्ञान का विस्तार करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक हैं। वे निश्चित रूप से ज्ञान के प्यासे व्यक्ति को संतुष्ट कर सकती हैं।

पुस्तक पर निबंध, Essay on book in hindi (400 शब्द)

प्रस्तावना :.

किताबें मानव जाति के लिए एक आशीर्वाद हैं। हम भाग्यशाली हैं कि बड़ी संख्या में विद्वानों ने पुस्तकों के माध्यम से अपने ज्ञान और जानकारी को साझा किया है। दुनिया भर में लाखों किताबें प्रकाशित हुई हैं। पुस्तकें हमारे जीवन में बहुत महत्व रखती हैं। एक अच्छी किताब हमारे जीवन को बेहतर बना सकती है।

हमारे जीवन में पुस्तकों का महत्व:

यहाँ बताया गया है कि विभिन्न प्रकार की पुस्तकें हमें जीवन में कैसे मदद करती हैं:

यात्रा पुस्तकें : यात्रा की पुस्तकों में विभिन्न यात्रियों के अनुभव शामिल हैं। वे हमें कथाकार की नजर से दुनिया भर के विभिन्न स्थानों से परिचित कराते हैं। इन पुस्तकों से अक्सर यात्रियों को यह जानने में मदद मिलती है कि किसी विशेष स्थान पर जाने पर सभी को क्या देखना है। जो लोग यात्रा करना पसंद करते हैं, लेकिन किसी कारण से ऐसा करने में असमर्थ होते हैं, वे इन पुस्तकों के माध्यम से विभिन्न स्थानों पर जाने का आभासी अनुभव प्राप्त कर सकते हैं।

इतिहास की पुस्तकें : इतिहास की किताबें हमें अपनी जड़ों के करीब ले जाती हैं। विभिन्न देशों के इतिहास अलग-अलग युगों के लेखकों द्वारा विभिन्न पुस्तकों में अंतर्निहित हैं। उसी के बारे में जानने के इच्छुक लोग इन पुस्तकों को पढ़ सकते हैं।

प्रौद्योगिकी पुस्तकें :  प्रौद्योगिकी आज के समय में बात है। प्रौद्योगिकी पर पुस्तकें हमें हमारे आसपास के नए तकनीकी विकासों के बारे में जानने में मदद करती हैं। प्रौद्योगिकी अपने आप में एक विशाल विषय है। प्रौद्योगिकी पर पुस्तकों में विभिन्न प्रौद्योगिकी संचालित उपकरणों के विभिन्न तकनीकी पहलुओं के बारे में जानकारी है।

फैशन और जीवन शैली की किताबें :  फैशन और जीवन शैली की किताबें हमें फैशन और जीवन शैली की दुनिया का पता लगाने में मदद करती हैं। जबकि इनमें से कुछ किताबें नवीनतम फैशन और जीवन शैली के रुझानों के बारे में जानने में मदद करती हैं, जबकि अन्य हमें अलग-अलग युगों और विभिन्न स्थानों में प्रचलित फैशन रुझानों से परिचित कराते हैं।

स्वयं सहायता पुस्तक :  कई सीखा लेखकों ने मानव मनोविज्ञान का गहराई से अध्ययन किया है और लोगों को उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं को बेहतर बनाने में मदद करने के लिए स्व सहायता पुस्तकें लिखी हैं। एक संचार कौशल में सुधार, मित्रों को जीतने, पैसा बनाने, व्यक्तित्व को बढ़ाने और कई अन्य विषयों पर पुस्तकें बाजार में उपलब्ध हैं। इन्हें पढ़ने से वास्तव में किसी व्यक्ति में सकारात्मक बदलाव आ सकता है।

प्रेरक / प्रेरणादायक पुस्तकें : कई प्रेरक और प्रेरणादायक किताबें लोगों को प्रेरित करने और उनमें सर्वश्रेष्ठ लाने के लिए प्रेरित करने और जीवन में अच्छा करने में मदद करने के लिए लिखी गई हैं।

फिक्शन की किताबें :  विभिन्न विषयों पर गैर-फ़िक्शन पुस्तकों के अलावा, विभिन्न शैलियों पर असंख्य फ़िक्शन पुस्तकें उपलब्ध हैं। ये पुस्तकें मनोरंजन का एक बड़ा स्रोत हैं। इनमें से कई किताबें प्रेरणादायक भी हैं।

इस प्रकार, पुस्तकें व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। एक व्यक्ति जो नियमित रूप से किताबें पढ़ता है, उसके पास एक अच्छा व्यक्तित्व होता है और यह उन लोगों की तुलना में अधिक आश्वस्त होता है जो इसे नहीं करते हैं।

किताब पर निबंध, 500 शब्द :

एक सबसे अच्छा दोस्त वह होता है जो हममें सर्वश्रेष्ठता लाता है और हमेशा हमारी तरफ होता है। पुस्तकों को एक व्यक्ति का सबसे अच्छा दोस्त माना जाता है क्योंकि वे इन दोनों गुणों के अधिकारी होती हैं और बहुत कुछ प्रदान करती हैं। पुस्तकें हमारे ज्ञान को बढ़ाती हैं, हमारी दृष्टि का विस्तार करती हैं, और विभिन्न दृष्टिकोणों से चीजों को देखने की क्षमता प्रदान करती हैं, हमारी रचनात्मक शक्ति को बढ़ाती हैं और बहुत कुछ करती हैं।

हमारे लिए पुस्तकें सर्वश्रेष्ठ हैं:

एक सबसे अच्छे दोस्त की तरह, किताबें हम में सर्वश्रेष्ठ को सामने लाती हैं। पुस्तकें ज्ञान की प्रचुरता प्रदान करती हैं। जीवन में अच्छा करने और एक बेहतर इंसान बनने के लिए, हमें अपने ज्ञान को बढ़ाने की आवश्यकता है जो बदले में हमें समझदार बनने में मदद करता है।

एक व्यक्ति जो पढ़ने की आदत विकसित करता है, वह समय के साथ इन दोनों को प्राप्त कर सकता है। इसके अलावा, किताबें हमें एक कल्पनाशील दुनिया में ले जाती हैं और हमारी रचनात्मकता को बढ़ाती हैं। वे आत्मविश्वास बनाने में मदद करते हैं। हम चीजों के बारे में अधिक जागरूक हो जाते हैं और विभिन्न परिस्थितियों को संभालने में बेहतर बन जाते हैं। आखिर में, किताबें हमारे लिए सबसे अच्छे दोस्त की तरह होती हैं जो हमारे लिए परवाह करती है और हमें पूरे दिल से जीवन में अच्छा करते देखना चाहती है।

किताबें हमेशा हमारी तरफ होती हैं:

एक अच्छे दोस्त की तरह, किताबें हमें कभी नहीं छोड़ती हैं। वे हमेशा हमारी ओर होती हैं चाहे हम कहीं भी हों। ऐसा कहा जाता है कि किताबें पढ़ने की आदत विकसित करने वाला व्यक्ति कभी अकेलापन या ऊब महसूस नहीं कर सकता है। यह सबसे अच्छा दोस्त होने के समान है।

यदि आपके पास करने के लिए कुछ नहीं है, तो आप एक पुस्तक निकाल सकते हैं और पढ़ सकते हैं। यदि आप अकेले यात्रा कर रहे हैं, तो बस आपको कंपनी देने के लिए एक किताब ले लो। यदि आप एक बारिश के दिन अकेले हैं, तो बस एक किताब खोलें और इसे पढ़ें। अब आप अकेलापन महसूस नहीं करेंगे। यदि आप ऊब महसूस कर रहे हैं क्योंकि आपके पास कोई बात करने के लिए नहीं है, तो एक किताब पढ़ें। इसलिए, किताबें हमेशा आपके बचाव के लिए होती हैं, जैसे एक सबसे अच्छे दोस्त से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस तरह की स्थिति में हैं।

पुस्तकें हमें सही दिशा में निर्देशित करती हैं:

किताबें न केवल बोरियत को मारती हैं और हमारे ज्ञान और रचनात्मकता को बढ़ाती हैं वे उत्कृष्ट भी हैं जब यह सलाह लेने की बात आती है। कई स्व सहायता और प्रेरक पुस्तकें हैं जो हमें सही दिशा में सहायता और मार्गदर्शन करती हैं।

जब भी हमें एक कठिन परिस्थिति का सामना करना पड़ता है, तो समझदारी से कार्य करने के तरीके को समझने के लिए ऐसी पुस्तकों को पढ़ना सबसे अच्छा है। यहां, आपको उच्च शिक्षा प्राप्त लोगों से एक सलाह मिलेगी जिन्होंने जीवन को गहराई से खोजा है।

यह यादृच्छिक रिश्तेदारों और दोस्तों से सलाह लेने से बेहतर है। कई लोगों ने इस तरह की किताबें पढ़कर अपने जीवन को बेहतर बनाया है। एक अच्छे दोस्त की तरह, ऐसी किताबें हमें सही राह पर चलने के लिए मार्गदर्शन करती हैं।

इस प्रकार, किताबें निश्चित रूप से हमारी सबसे अच्छी दोस्त हैं। वे हमारे जीवन को अधिक अर्थ देने में मदद करते हैं। बदले में बिना कुछ मांगे हमेशा किताबें हमारी तरफ से रहती हैं। वे हमारा मनोरंजन करती हैं जब हम ऊब और अकेला महसूस करते हैं और ज़रूरत के घंटे के दौरान हमारा मार्गदर्शन करती हैं। हम उन पर हर समय भरोसा कर सकते हैं जैसे हम अपने सबसे अच्छे दोस्त पर भरोसा कर सकते हैं।

किताब पर निबंध, Essay on book in hindi (600 शब्द)

किताबें पढ़ने से कई फायदे मिलते हैं। यही कारण है कि बच्चों को कम उम्र से पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करने का सुझाव दिया जाता है। बाजार में विभिन्न शैलियों की किताबें उपलब्ध हैं। कोई भी व्यक्ति उस विषय को चुन सकता है जो उसे रुचिकर बनाता है और इसके ज्ञान का विस्तार करता है इसके अलावा इसके द्वारा प्रदान किए जाने वाले विभिन्न अन्य लाभों का आनंद लेता है।

किताबें पढ़ने के फायदे:

किताबें पढ़ने के कुछ फायदे इस प्रकार हैं:

ज्ञान को बढ़ाती है :  पुस्तकें ज्ञान का एक भंडार है जो आसानी से कब्रों के लिए तैयार है। विभिन्न विषयों पर कई पुस्तकें उपलब्ध हैं। इन्हें पढ़ना हमारे ज्ञान को बढ़ाने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक है।

समझदार बनाती है : विभिन्न चीजों के बारे में ज्ञान होना और समझदार होना दो अलग चीजें हैं। पुस्तकें न केवल विभिन्न विषयों के बारे में ज्ञान प्रदान करती हैं, बल्कि हमें समझदार भी बनाती हैं। किसी विशेष विषय के बारे में पढ़ना हमें इसके बारे में गहन ज्ञान देता है और इससे संबंधित किसी भी चीज़ से निपटने के लिए ज्ञान प्रदान करता है।

बोरियत ख़त्म करती हैं : जिस व्यक्ति को पढ़ने की आदत होती है वह कभी भी ऊब नहीं सकता है या अकेला महसूस नहीं कर सकता है। किताबें हमारी सबसे अच्छी साथी हैं। बदले में बिना कुछ मांगे वे हमेशा निस्वार्थ भाव से हमारी तरफ से हैं। ऊब कभी भी पढ़ने की आदत विकसित करने वाले व्यक्ति को नहीं छू सकती है। उसे कंपनी देने के लिए एक अच्छी किताब की जरूरत है।

ब्याज का पता लगाने में मदद करती है : विभिन्न विषयों पर कई किताबें बाजार में और दुनिया भर के पुस्तकालयों में उपलब्ध हैं। किसी की रुचि का पता लगाने के लिए विभिन्न विषयों के बारे में पढ़ना एक अच्छा विचार है।

जितना अधिक हम पढ़ते हैं, उतना ही हमें यह पता चलता है कि हमें किस क्षेत्र में अधिक रुचि है। यह हमारे करियर विकल्प को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण और सकारात्मक भूमिका निभा सकता है।

रचनात्मकता बढ़ाती है : काल्पनिक पुस्तकें हमें कई पात्रों से परिचित कराती हैं और विभिन्न स्थितियों को सामने रखती हैं। इन पुस्तकों को पढ़ते समय हमें विभिन्न प्रकार की काल्पनिक स्थितियों का सामना करना पड़ता है।

वे हमें अलग-अलग परिस्थितियों में अलग-अलग तरीकों से निपटने की बुद्धि देते हैं। पढ़ना हमें एक काल्पनिक दुनिया में ले जाता है और हमारी रचनात्मकता को बढ़ाने में मदद करता है।

शब्दावली में सुधार करती है :  यह बिना कहे चला जाता है कि जितनी अधिक पुस्तकें हम सीखते हैं उतने अधिक शब्द पढ़ते हैं और इससे हमारी शब्दावली में सुधार होता है। यह एक अच्छा विचार है कि हम पढ़ते समय नए शब्दों को रेखांकित करें और अपनी शब्दावली को व्यापक बनाने के लिए उनके अर्थ की तलाश करें।

पढ़ना और लेखन कौशल में सुधार : किताबें पढ़ने से हमारे पढ़ने के कौशल में भी सुधार होता है। हम जितना अधिक धाराप्रवाह पढ़ते हैं और तेजी से हम उस पर पहुंचते हैं। इसके अलावा, जो व्यक्ति अच्छी तरह से पढ़ा-लिखा है, वह लिखने में भी अच्छा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि उनके पास एक समृद्ध शब्दावली है और उनके पास व्यापक ज्ञान के रूप में बेहतर विचार हैं और रचनात्मकता को बढ़ाते हैं।

आत्मविश्वास बढ़ाती है : जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है, पढ़ना हमारे ज्ञान को बढ़ाता है। एक व्यक्ति जो अधिक जानकार है वह निश्चित रूप से अधिक आश्वस्त है। जब वह समूह चर्चाओं, वाद-विवाद और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं के साथ-साथ साक्षात्कार के दौरान भाग लेने के लिए बेहतर होता है।

नया परिप्रेक्ष्य देती हैं  : पढ़ना हमें विभिन्न चीजों के बारे में एक नया दृष्टिकोण देता है। हम लेखकों के साथ-साथ पात्रों के दृष्टिकोण से चीजों को देखने में सक्षम हैं। इससे जीवन के बारे में गहरी समझ मिलती है। जब एक समस्या का सामना करना पड़ता है, तो एक पढ़ा-लिखा व्यक्ति विभिन्न कोणों से चीजों को देख सकेगा और फिर निष्कर्ष पर पहुंचने के बजाय उस पर कार्य कर सकेगा।

व्यक्तित्व पर सकारात्मक प्रभाव : अच्छी किताबें पढ़ने से व्यक्तित्व पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। एक व्यक्ति जो अच्छी तरह से पढ़ा है, सांसारिक बुद्धिमान, आत्मविश्वास और रचनात्मक है, निश्चित रूप से एक बेहतर व्यक्तित्व होगा।

इस प्रकार, हम देखते हैं कि किताबें पढ़ने से कई लाभ मिलते हैं। यह हमें आश्वस्त करती है, हमारी शब्दावली में सुधार करती है, हमारे पढ़ने और लेखन कौशल को बढ़ाती है, हमें जीवन के बारे में एक नया दृष्टिकोण देती है, ज्ञान को बढ़ाती है, हमें बुद्धिमान बनाती है और हमारे समग्र व्यक्तित्व पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। एक व्यक्ति जो अच्छी तरह से पढता  है, वह समृद्ध होता है।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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bahut achha lga padhkar

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मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध Essay on My Favourite Book in Hindi

इस लेख में मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध Essay on my favourite book in Hindi दिया गया है। यहां पर दिया गया मेरी प्रिय पुस्तक के ऊपर निबंध बेहद सरल भाषा में है। मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध कक्षा तीन से 12 तक विभिन्न रूपों में परीक्षाओं में पूछा जाता है यहां पर दिया गया निबंध किसी परीक्षा में बेझिझक लिखा जा सकता है।

Table of Content

मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध Essay on My Favourite Book in Hindi (300 Words)

मेरी प्रिय पुस्तक रामायण.

essay about book in hindi

मेरी प्रिय पुस्तक के रूप में रामायण ग्रंथ का मेरे जीवन पर बहुत ही गहरा प्रभाव पड़ा है रामायण से जुड़ी कहानियां हमने बचपन से सुनी है चाहे वह श्री राम जी की कर्मठता हो या हनुमान जी की वीरता सभी को हमने आत्मसात किया है।

रामायण यह सभी के लिए उपयोगी है इसे मात्र श्री राम की जीवनी न कहकर समग्र मानव समाज के जीवन को दिशा देने का जरिया कहे तो कोई अतिशयोक्ति न होगी। इंसान को तमाम तकलीफों के बावजूद अडिग रहने की सीख रामायण से मिलती है। मुझे गर्व है कि मेरी प्रिय पुस्तक रामायण को हिंदू धर्म का सिरमौर कहा गया है।

मेरी प्रिय पुस्तक रामायण से मिलती सीख

रामायण से जीवन को सकारात्मक तरीके से जीने की सीख मिलती है जिसमें श्री राम कर्तव्य की मूर्ति हैं तथा लक्ष्मण आज्ञा पालन तथा सेवा की मूर्ति हैं जहां मां सीता चरित्र की मूर्ति हैं वही श्री हनुमान वीरता तथा साहस की मूर्ति हैं रामायण से जीवन के सभी पहलुओं पर सीख मिलती है।

मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध Essay on My Favourite Book in Hindi (400 Words)

मेरी प्रिय पुस्तक डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के जीवन पर लिखी गयी किताब अग्नि की उड़ान है। मेरी प्रिय पुस्तक अग्नि की उड़ान ने मेरे जीवन में सकारात्मकता का संचार किया है क्योंकि अग्नि की उड़ान कोई काल्पनिक बात नहीं बल्कि डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम के संघर्षों की कहानी है।

मेरी प्रिय पुस्तक- अग्नि की उड़ान

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मेरी प्रिय पुस्तक मुझे कक्षा 8 में मेरे जन्मदिन के उपलक्ष में भेंट में मिली। अग्नि की उड़ान यह डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम की जीवनी नहीं है बल्कि उनके संघर्षों की कहानी है जिसमें उन्होंने अग्नि, त्रिशूल, नाग जैसी मिसाइलें बनाकर भारत के गौरव को पूरी दुनिया में ऊंचा किया है।

एपीजे अब्दुल कलाम को मिसाइल मैन भी कहा जाता है एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म बेहद ही गरीब परिवार में हुआ और शुरुवाती शिक्षा दीक्षा में भेदभाव का भी सामना करना पड़ा लेकिन उन्होंने सिर्फ सीखना कभी नहीं छोड़ा, अब्दुल कलाम बेहद ही जिज्ञासु थे और प्रकृति तथा विज्ञान से प्रेम करते थे।

मेरी प्रिय पुस्तक अग्नि की उड़ान से मिलती सीख

मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध essay on my favourite book in hindi (600 words).

कहते हैं कि किसी समाज की मानसिकता को जानना हो तो वहां के साहित्य को पढ़ना चाहिए। पुस्तकों को जीवंत देवता कहा गया है। देवता यानी जो प्रदान करें और जीवंत मतलब जीवित। किताबों को  मानव का सबसे घनिष्ठ मित्र बताया गया है क्योंकि अन्य मित्र समय अनुसार बदल जाते हैं लेकिन पुस्तक बिना किसी स्वार्थ के हमारे साथ रहते हैं तथा हमें ज्ञान प्रदान करते हैं।

मेरी प्रिय पुस्तक महाभारत ग्रंथ है। महाभारत अच्छाई और बुराई के बीच लड़ी गई एक ऐतिहासिक लड़ाई है जिसमें एक ओर हजारों दुष्टों कि कौरव सेना और दूसरी ओर गिनती मात्र के पांडवों की सेना थी जिनके बीच धर्म की युद्ध लड़ी गई और कम सुविधा साधन के बावजूद भी पांडवों की जीत हुई और सबसे मुख्य बात की भगवान श्री कृष्ण हमेशा सत्य के साथ रहे।

आज के सोशल मीडिया के जमाने में हमारे एतिहासिक ग्रंथ रामायण-महाभारत को आजकल के युवा कम ही पसंद करते हैं। पसंद करना तो दूर उनका उपहास उड़ाते हैं। जहां एक ओर विज्ञान को इन ग्रंथों के सच होने के सबूत मिल रहे हैं वहीं दूसरी ओर जनजीवन को उत्कृष्ट बनाने के लिए इन्ही सूत्रों का उपयोग किया जाता है। लेकिन मात्र पढ़ने भर से प्रयोजन पूरा नहीं हो सकता किसी भी ग्रंथ का असली लाभ तभी मिल सकता है जब उसे अपने जीवन में उतारा जाए।

मेरी प्रिय पुस्तक महाभारत

essay about book in hindi

महाभारत त्रेता युग में लिखी गई, जिसमें महान सम्राट धृतराष्ट्र के पुत्रों तथा पांडव के पुत्रों के बीच धर्म को लेकर हुए युद्ध की चर्चा है। किस प्रकार वाणी के दुरुपयोग से इतना बड़ा युद्ध हो सकता है इसका उल्लेख भी महाभारत में मिलता है।

महाभारत को महर्षि वेदव्यास ने भगवान श्री गणेश से लिखवाया था, महाभारत में 24 लाख श्लोक हैं और यह पृथ्वी का सबसे विशाल ग्रंथ है। महाभारत यह 18 दिन चला और भगवान कृष्ण के मुखारविंद से निकली हुई श्री गीता भी यहीं से जन्मी है।

महाभारत का उद्देश्य यही था कि जब जब धरती पर पाप और अत्याचार बढ़ेगा तब-तब ईश्वरीय सत्ता धरती पर आकर अनाचारियों का विनाश करेगी। महाभारत में कर्मयोग, ज्ञानयोग, सांख्य योग इत्यादि की सटीक परिभाषा मिलती है जो मानवों को जीने की कला सिखाती हैं।

मेरी प्रिय पुस्तक महाभारत से मिलती सीख

महाभारत हमें सिखाता है की भले ही अधर्मी दुश्मनों की संख्या ज्यादा हो पर जीत तो सत्य की ही होती है और सत्य के मार्ग पर चलने वाले शूरवीरों को कभी भी चिंतित या भयभीत नहीं होना चाहिए। अगर हम सत्य के मार्ग पर चलेंगे तो ईश्वरीय सत्ता भी हमारा मार्ग प्रशस्त करेंगी।

महाभारत हमें धैर्य, कर्तव्यनिष्ठा, साहस तथा धर्म पथ पर अडिग रहने की सीख देता है। महाभारत के श्लोक बेहद ही गूढ़ है तथा उनके पीछे अनेक भावार्थ छुपे हुए हैं। महाभारत को अनेक भाष्य कारों ने अपने ज्ञान के अनुसार भाषित किया है।

महाभारत को कुछ लोग सिर्फ युद्ध तथा कलह की दृष्टि से देखते हैं लेकिन महाभारत जैसा शायद ही कोई अन्य ग्रंथ हो जो धर्म और अधर्म की सच्ची परिभाषा तथा जीवन जीने की कला सिखाता हो। लेकिन मात्र पढ़ने भर से महाभारत से कोई लाभ नहीं हो सकता जब तक कि इससे मिलते ज्ञान को अपने सामान्य जीवन में उतारने की चेष्टा ना की जाए।

निष्कर्ष Conclusion

essay about book in hindi

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पुस्तक पर निबंध (Books Essay In Hindi)

पुस्तक पर निबंध (Essay On Books In Hindi Language)

पुस्तक बच्चो और सभी के लिए ज्ञान का भण्डार होते है। पुस्तक सभी मनुष्य को सही मार्ग दिखाती है। आज कल कई प्रकार के पुस्तक बाजार में उपलब्ध है। पुस्तक मनुष्य के जीवन का आधार होती है। पुस्तके कई विषयो में उपलब्ध होती है, जैसे अंग्रेजी, विज्ञान, गणित, इतिहास, भूगोल, इत्यादि।

धार्मिक ग्रन्थ और हर पुरानी ऐतिहासिक किस्सों का ज्ञान हमे पुस्तकों से मिलता है। धार्मिक ग्रन्थ जैसे गीता और रामायण को पढ़कर मन को शान्ति मिलती है। धार्मिक ग्रंथो को पढ़कर जीवन से जुड़े तथ्यों को समझने का अवसर प्राप्त होता है। इससे हमे सही-गलत, धर्म-अधर्म के विषय में पता चलता है।

जब मनुष्य अकेला होता है, तो पुस्तकें हमेशा उनका साथ निभाती है। अकेलेपन को मिटाने का पुस्तकों से अच्छा उपाय और कुछ हो नहीं सकता है।

पुस्तकों के बिना वह परीक्षा को सफलता से उत्तीर्ण नहीं कर सकते है। पुस्तकें विद्यार्थियों के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। विद्यार्थी जीवन की बुनियाद ही पुस्तकें है।

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[PDF] Best Essay Books In Hindi For UPSC & SSC Exams

Karthik M

  • February 26, 2024
  • Education , Pavithran.Net , SSC Exams , UPSC Exams

The UPSC exam is a competitive one and it may feel impossible to get through without proper knowledge of the various topics. It is one of the toughest exams in the country. It’s not just because it’s competitive, but also because you need to know a lot of things about India and its history.

Table of Contents

Essay Books in Hindi PDF

Do you want to clear the exam with flying colors? Do you want to get a high rank? Read on! Here, are some of the best books for UPSC in Hindi that will help you improve your preparation.

1. Arihant 221 Nibandhmala Essay Book in Hindi PDF

221 Nibandhmala book includes topics about building the skill of writing essays with knowledge about specific topics, being disciplined in thoughts, being analytical when drawing conclusions, being expressive when writing thoughts which are relevant to the essay. Grammatical accuracy & coherence are also key skills that are discussed.

Arihant 221 Nibandhmala Essay Book in Hindi

Salient Features:-

  • This book has various topics including economics, education, social, politics etc. It touches on a lot of areas which is why you should give it a go.
  • It provides a vast library of pre-written essays for students who need to learn how to deliver clear and concise arguments. It also provides guidance on the process of essay writing from brainstorming to revision.
  • Designed this Book keeping the needs of students and various exams in mind.
  • This book is beginner friendly and provides the necessary skill-sets in order to excel in SSC, Bank and other state government job exams as well.

Book Details:-

221 Nibandhmala Essay Book
Yogesh Chand Jain
Arihant Publication
Hindi
446 Pages
PDF (Downloadable)
69 MB

2. Disha’s 151 Nibandh Essay Book in Hindi PDF

Disha Publications has put together 151 essays for IAS/ PCS and other competitive exams. This comprehensive collection of essays covers the UPSC Mains exam and State PCSs. All topics are relevant to the IAS/ PCS exams and include complete theoretical guidance on the specific topics. The essays have been written in an impressive style, incorporating detailed information on the topic, ideas for contextual writing, rich vocabulary and analytical skills to arrive at a conclusion.

151 Nibandh for IAS, PCS & other Competitive Exams - Disha Experts

151 Nibandh Essay Book for IAS/PCS & Other Competitive Exams
Disha Publication
Hindi
328 Pages
PDF (Downloadable)
108 MB

3. Disha’s 7 Years UPSC IAS/PCS Mains Nibandh PDF

Disha’s 7 years UPSC IAS/IPS Mains nibandh Paper 1 – year-wise solved papers (2013 – 2019) Book includes the past 7 years of solved papers for Mains Paper 1 of IAS. The main USP of this product is that word limit for each subscore is strictly followed as per UPSC requirements

7 Years UPSC IAS_ IPS Mains Nibandh - Disha Experts

  • All essays are formatted in an introduction section, main content (including proofreading) and end; coherent development of ideas; with thoroughly updated facts & stats; with no grammatical or syntactical errors.
  • Each nibandh is backed with in-depth research and written in some of the most fluent and eloquent language you will find.
  • I think it’s a good book if you’re an aspiring UPSC, but one thing that I missed was a mock paper that could have helped me practice.
7 Years UPSC IAS/PCS Mains Nibandh Book for IAS/IPS Mains
Disha Publication
Hindi
177 Pages
PDF (Downloadable)
3.71 MB

4. Niband Bodh (Hindi Edition) PDF – Spectrum Books

Niband Bodh Book by Spectrum covers a variety of topics and writing styles, and acquaints the reader with the nuances of essay-writing. One great feature of Nidandh is a section containing a large selection of quotations from various famous people on writing style.

This book has been revised to include new information, facts, figures etc. The obsolete info has been removed. Some essays have also been rewritten. Several new essays have been added; there is a new set of essays on issues of current importance.

Niband Bodh (Hindi Edition) - Spectrum Books Editorial Team

  • Each of the topics is thoroughly researched and written in a flawless language.
  • Have been sorted alphabetically by subject to make it easier to find the right information.
  • The book covers topics in different styles and helps readers learn how to write an essay.
Niband Bodh
Spectrum Books
Hindi
538 Pages
PDF (Downloadable)
1.49 MB

5. Disha 7 Varsh UPSC IAS_ IPS Mains Hindi PDF

Disha 7 years UPSC Civil Services IAS Mains nibandh year-wise solved (2013 – 2019) Book contains detailed explanations of the most frequently asked questions on the IAS Mains Paper 1, specifically geared towards meeting with UPSC requirements. You can always use this book to hone your skills before exam day arrives.

7 Varsh UPSC IAS_ IPS Mains Hindi - Disha Experts

7 Varsh UPSC IAS_ IPS Mains Hindi
Disha Publication
Hindi
173 Pages
PDF (Downloadable)
11.2 MB

Useful Essay Books you should prepare for:-

Some Important Essays in Hindi

अ’पनी छोटी परंपरा के बावजूद निबंध अपनी संपन्‍नता और विविधता में श्लाघ्य उअः । समाज से संबंधित सभी विषयों पर निबंध लिखे जाते हैं और इसीलिए इसमें शिल्पगत विविधता तथा शक्ति-सम्पन्नता मिलती है। निबंध, गद्य की सर्वाधिक सम्पन्न विधा है और इसमें भाषा का मानक तथा प्रांजल रूप सामने आता है। निबंध के विषय में लिखने का अभिप्राय न तो इसकी परिभाषा बतानी है, न इसका इतिहास बताना है और न ही इसकी शब्द-निष्पत्ति को विश्लेषित करना ही है, अपितु इसके विस्तृत क्षेत्र को उललेखित करना है। निबंध तो अपने खुलेपन के कारण किसी भी परिभाषा से परे है। वस्तुतः, यदि देखा जाए, तो परिभाषा किसी भी विधा को शासित और नियंत्रित नहीं करती। निबंध अपनी स्वच्छंद प्रवृत्ति के कारण अनेक दिशाओं में व्याप्त है। यह एक समृद्ध साहित्यिक विधा है और सम्प्रेषण का उत्कृष्ट साधन भी। निबंध अंग्रेजी साहित्य से हिंदी जगत में आई नवीन साहित्यिक विधा है। निबंध को अंग्रेजी शब्द “8554५” का अनुवाद माना जाता है जिसकी उत्पत्ति फ्रेंच भाषा के शब्द “8559 से हुई है, जिसका अर्थ है ‘प्रयास करना” या “गद्य में छोटी रचना!। इसका सर्वप्रथम प्रयोग 580 में मान्तेन द्वारा अपनी छोटी रचनाओं के लिए किया गया। मान्तेन को आधुनिक निबंध का जनक माना जाता है। उनके विचार में निबंध लेखक के व्यक्तिगत विचारों, उद्धरणों तथा कथाओं का मिश्रण है जो दूसरो तक सम्प्रेषित किए जाते हैं। अर्थात्‌ निबंध लेखक के अपने व्यक्तित्व तथा विचारों का प्रक्षेपण है। इसी प्रकार ऑक्सफोर्ड कन्साइज डिक्शनरी के अनुसार, निबंध किसी विषय पर आधारित एक ऐसी साहित्यिक रचना है जो आकार में लघु तथा गदूय में रची जाती है। एक निबंध प्रायः कुछ पृष्ठों का होता है, लेकिन इसकी कोई निश्चित लम्बाई नहीं होती (एक परीक्षा में, हालांकि, प्रायः शब्द सीमा दी जाती है; यदि नहीं दी गई है तो समय सीमा इसकी लम्बाई को सुनिश्चित करती है। तीन घंटे की समय सीमा की स्थिति में, आपसे| लगभग 2000-2500 शब्दों का निबंध लिखने की आशा की जाती है।॥)। विभिन्‍न प्रतियोगी परीक्षाओं में निबंध को शामित्र करने का उट्टेश्य अभ्यर्थी की

भआषिक क्षमता के साथ-साथ उसकी वैचारिक दृष्टि तथा मानसिक प्रवृत्ति को परखना है। यही बात अभ्यर्थी को निबंध लेखन के लिए समझना अत्यंत आवश्यक है कि विषय कोई भी हो, आपके पास कितने भी तथ्य क्‍यों न हों, कितना ही ज्ञान भले क्यों न हो, परन्तु व्यक्तिगत दृष्टिकोण के बिना अच्छा निबंध लिखना अत्यंत दुष्कर कार्य है।

अभ्यर्थी को निबंध, प्रबंध तथा लेख में भी स्पष्ट अंतर ज्ञात होना चाहिए। परीक्षक को पर्याप्त अनुभव तथा ज्ञान होता है और वह भल्री-भांति निबंध, प्रबंध तथा लेख मैं उपस्थित अंतर को जानता है। इसलिए अभ्यर्थी के लिए भी इसे समझना आवश्यक है। प्रबंध में लेखक विषय संबंधी ज्ञानचातुर्य को सूक्ष्म विवेचन के आधार पर विशिष्ट आषा शैली क॑ माध्यम से प्रस्तुत करता है। लेखक के अदृश्य रहने से उसके व्यक्तित्व का समावेश प्रवंध में नहीं होता तथा आकार की दृष्टि से भी यह निबंध से कई गुना हो सकता है, जबकि निवंध में लेखक के निजी विचारों तथा हृदयानुभूति को लघु आकार होने पर भी पूरा स्थान मिलता है।

प्रबंध में पुस्तकीय ज्ञान का महत्व अधिक होता है और निबंध में हार्दिकता तथा विचार का समन्वय होता है। प्रबंध और निबंध की भाषा-शैली में भी बहुत अंतर होता है। प्रबंध की भाषा तथा रचना शैली विद्धतापूर्ण, यहां तक कि कभी-कभी पारिभाषिक शब्दावली जैसी, शुष्क तथा धीर-गंभीर होती है और निबंध की भाषा और शैली मनोरम, सुगम तथा सरस होती है।

इसी प्रकार लेख (१7४०९) निबंध की तुलना मैं भावगत विशेषताओं के आधार पर प्रबंध के अधिक निकट होता है। लेख सूचना प्रधान होता है, जिसमें तथ्यों की महत्ता दूसरी विधाओं की तुलना में अधिक होती है। लेख में लेखक के व्यक्तित्व की छाप भी रहती है, लेकिन निबंध की तुलना में वेहद कम क्योंकि लेख में सूचना का तत्व प्रभावी हो जाता है और निबंध में लेखक की आत्माभिव्यक्ति को महत्वपूर्ण स्थान दिया जाता है।

“निवंध’ को ‘संघ लोक सेवा आयोग’ के साथ-साथ विभिन्‍न राज्यों के लोक सेवाआयोगों की मुख्य परीक्षाओं में एक विषय के रूप मैं स्थापित किया गया है। “संघ लोक सेवा आयोग’ की मुख्य परीक्षा में जब से निबंध को विषय के रूप में स्थापित किया गया है, तब से परीक्षा की उत्तीर्णता में इसकी अहम भूमिका हो गयी है। निबंध के लिए 250 अंक निर्धारित किए गए हैं जिसमें दो खण्डों (खण्ड क और खण्ड ख) के अंतर्गत प्रत्येक में एक निबंध करना होता है और प्रत्येक निबंध की शब्द सीमा 000-200 के बीच होनी चाहिए। यदि इसमें सम्यक्‌ विषय का चयन कर शिल्प एवं कथ्य दोनों की सम्पुष्ट अभिव्यक्ति की जाए, तो अधिकाधिक अंक प्राप्त किए जा सकते हैं। लोक सेवा आयोगों की परीक्षाओं में एक-एक अंक कितने मायने रखते हैं, यह तो इसके अभ्यर्थी अच्छी तरह से जानते ही हैं।

निबंध के प्रकार

प्रकृति के आधार पर विद्वान निबंध के मुख्यतः चार प्रकार मानते हैं. 0) वर्णनात्मक; (४) भावात्मक; (॥) व्याख्यात्मक; तथा (५) विचारात्मक। वर्णनात्मक किसी घटना, वस्तु एवं दृश्य का सजीव वर्णन रोचक तरीके से किया जाता है।

भावात्मक कल्पना प्रधान, चिंतन मनन से हटकर जीवन में राग और भावना का संचार करने वाले विषयों को भावात्मक निबंधों की श्रेणी में रखा जाता है।

व्याख्यात्मक किसी विषय जैसे ऐतिहासिक, पौराणिक तथा जीवनियां आदि से संबंधित कहानी तथा कथा का रोचक वर्णन इसके अंतर्गत आता है।

विचारात्मक मनोवैज्ञानिक, साहित्यिक, सामाजिक, दार्शनिक, वैज्ञानिक एवं विषय संबंधी जैसे अर्थशास्त्र आदि से संबंधित सिद्धांत तथा विचार सूत्र इसके अंतर्गत आते हैं। चिंतन, मनन, अनुभव तथा तर्क के आधार पर विचारात्मक निबंधों का सृजन होता है।

विभिन्‍न प्रकार के निबंधों में से विचारात्मक निबंधों को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है क्योंकि केवल विचारात्मक निबंधों में ही लेखक को अपने भावों तथा भाषा की पूर्ण अभिव्यक्ति करने का पूरा स्थान और अवसर प्राप्त होता है। इसलिए सामान्यतः विचारात्मक निबंध को अन्य की अपेक्षा श्रेष्ठ माना जाता है। यद्यपि भावात्मक निबंध की अपनी विशेष महत्ता है। यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि कोई भी निबंधकार विचारात्मक एवं भावात्मक में से किसी भी तत्व की अवहेलना कर निबंध की रचना नहीं कर सकता। विचारों और भावों की यथोचित युति से ही उत्तम श्रेणी के निबंधों की रचना होती है।

परीक्षार्थियों से निबंध के संदर्भ में जो अपेक्षाएं रखी जाती हैं, उन्हें निम्न बिंदुओं के आलोक में परखा जा सकता है

() विषय का चयन; (॥) विचारों की क्रमबद्धता; (॥) विषय से निकटता; (0) संक्षिप्तता; (४) प्रभावशीलता एवं अभिव्यक्ति की सटीकता; (छा) भाषागत शुद्धि; (शत) कध्य एवं शिल्प का सुंदर समायोजन। निबंध का प्रारूप निबंध लेखन की दृष्टि से निबंध का प्रारूप अत्यंत महत्वपूर्ण है। सामान्यतः निबंध को तीन भागों 0) भूमिका या विषय-निरूपण; (8) कथ्य या व्याख्या या मुख्य भाग; (99) निष्कर्ष या उपसंहार में रखा जाता है।

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A Memoir Offers an Insider’s Perspective Into the Pentagon’s U.F.O. Hunt

In “Imminent,” the former intelligence official who ran a once-secret program shares some of what he knows.

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Luis Elizondo poses for a portrait while sitting on wooden stairs.

By Ralph Blumenthal and Leslie Kean

Luis Elizondo made headlines in 2017 when he resigned as a senior intelligence official running a shadowy Pentagon program investigating U.F.O.s and publicly denounced the excessive secrecy, lack of resources and internal opposition that he said were thwarting the effort.

Elizondo’s disclosures at the time created a sensation. They were buttressed by explosive videos and testimony from Navy pilots who had encountered unexplained aerial phenomena, and led to congressional inquiries, legislation and a 2023 House hearing in which a former U.S. intelligence official testified that the federal government has retrieved crashed objects of nonhuman origin.

Now Elizondo, 52, has gone further in a new memoir. In the book he asserted that a decades-long U.F.O. crash retrieval program has been operating as a supersecret umbrella group made up of government officials working with defense and aerospace contractors. Over the years, he wrote, technology and biological remains of nonhuman origin have been retrieved from these crashes.

“Humanity is, in fact, not the only intelligent life in the universe, and not the alpha species,” Elizondo wrote.

The book, “Imminent: Inside the Pentagon’s Hunt for U.F.O.s,” is being published by HarperCollins on Aug. 20 after a yearlong security review by the Pentagon.

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